Wednesday, November 12, 2008

चौपाल से चौबारों तक सभी जगह होने लगी है चुनावी चर्चा....

चुनाव अब अपनी रंगत पर आते जा रहे हैं। गली, कूचों और चौबारों से लेकर अखबारों मे चुनावी चर्चे छिड़ गए हैं। किस विधानसभा क्षेत्र मे किसका पलड़ा भारी है। किस प्रत्याशी के पैरों तले से जमीन खिसकने लगी है। इन तमाम बातों को ही अखबार अपनी सुर्खियां बना रहे हैं। हालांकि इस बात के चर्चे भी जोरों से है कि उन्ही प्रत्याशियों को अखबारों मे जगह मिल रहीं हैं जिन्होने चुनावी पैकेज मीडिया को दे दिए हैं।

नवदुनिया ने अपनी पहली सुर्खी मे सागर जिले की विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे उन प्रत्याशियों की खबर लगाई है जो पहले से ही किसी पद पर थे और अब ऊंचे पद की चाह मे चुनाव लड रहे हैं। 'बड़े प्रमोशन की चाह में नुमाईंदे' शीर्षक से लगाई खबर मे ऐसे सात प्रत्याशियों के नामों का उल्लेख किया है जो अपने अपने क्षेत्रों मे अघोषित करोड़पतियों के रूप मे भी गिनाए जातें हैं।
दैनिक भास्कर ने ' अकेले के दम पर बदलाव का सपना' शीर्षक से सागर विधानसभा क्षेत्र से बिना किसी तामझाम और कार्यकर्ताओं के भीड़ के चुनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशियों पर रपट लगाई है जिसमे लिखा है कि इनके पास संसाधन भले ही न हों लेकिन इन के पास बदलाव का जज्बा भरपूर है।
नवभारत ने भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशियों द्वारा घर-घर जाकर प्रचार करने पर खबर लगाई है। राज एक्सप्रेस ने भी सागर जिले के चुनावी मैदान मे डटे कुल 97 उम्मीदवारों से दस कद्दावरों की सभावनाओं व आपसी खींचातानी पर एक विस्तृत रपट लगाई है।
दैनिक जागरण ने अपनी पहली सुर्खी मे खुरई विधानसभा क्षेत्र के जातीय समीकरणो के बदलावों पर टिप्पणी की है। 'लोधी और दांगी भाजपा से छिटके' शीर्षक से लगाई खबर मे अखबार ने लिखा है कि उमा भारती के भावुक भाषणों की वजह से भाजश प्रत्याशी की ओर लोधी समाज के साथ साथ दांगी समाज का भी झुकाव बढ़ता नजर आ रहा है। वहीं मालथौन से कांग्रेस के बागी हुए गोविंद सिह राजपूत के नामांकन वापस लेने से कांग्रेस की स्थित मजबूत होने का खामियाजा भाजपा के प्रत्याशी को भुगतना पड़ सकता है।
लीक से हटकर छपी खबरों मे दैनिक भास्कर ने वन विभाग के मैदानी अमले को बंदूकों लैस करने की दिशा मे प्रस्तावित शस्त्र प्रशिक्षण का कार्यक्रम चुनावों की वजह से टलने व किसानों को रबी के मौसम में भी बिजली की कटौती से जूझने की खबर को प्रमुखता से छापा है। नवदुनिया ने जिला चिकित्सालयों मे कांली खांस, टिटेनस व डिप्थीरियों जैसी जानलेवा बीमारियों की वैक्सीन की कमी होने व ग्रहीय स्थितियों व चुनाव की आचार संहिता की वजह से शादियों के आयोजन मे आ रही रूकावटों पर रोचक खबर लगाई है।

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