Sunday, November 23, 2008

प्रचार के अंतिम दौर मे चुनावी आमसभाओं की बाढ़ आई....

मतदान की तिथि करीब आते ही चारों ओर से राष्ट्रीय नेताओं की चुनावी आमसभाओं के आयोजित होने की खबरें रहीं हैं। कमोबेश सभी अखबारों की सुर्खियां इन्हीं सभाओं की खबरों से रंगीं हुईं हैं।

सागर मे आडवाणी, खुरई में राजनाथ सिंह, राहतगढ़ मे ज्योतिरादित्य सिधिया व मकरोनिया मे मीरा कुमार की सभाओं के समाचारों को सभी अखबारों मे प्रमुखता से छापा गया है। आडवाणी द्वारा द्वारा देश मे तेजी से पांव पसारते आंतकवाद व मालेगांव प्रकरण मे साध्वी प्रज्ञा को यातना दिए जाने को कांग्रेस की तष्टीकरण की नीति नतीजा बताए जाने को सभी अखबरों ने अपनी अपनी खबर का मुख्य बिंदू बनाया है। इस खबर को दैनिक आचरण ने 'भारत को बनांए महानायक', राजएक्सप्रेस ने सुरक्षा देने मे केन्द्र नाकाम', नवदुनिया ने ' 7 रेसकोर्स से ज्यादा ताकतवर है 10 जनपथ' व दैनिक भास्कर ने ' केन्द्र देश की सुरक्षा करने मे असक्षम' शीर्षक से इस खबर को फ्रंट पेज पर छापा है।
राहतगढ़ मे हुई सभा मे ज्यातिरादित्य सिंधिया ने क्षेत्र के विकास की जिम्मेदारी को विधायक के साथ-साथ अपनी जिम्मेदारी भी बताते हुए कहा कि जनता को एक वोट से दो प्रतिनिधि चुनने का मौका मिलने की बात को लगभग सभी अखबारों ने छापा है। इसी सिलसिले मे खुरई मे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह द्वारा राम के नाम के साथ छेड़छाड़ करने वालों के डूबकर मरने की बात को भी सभी अखबारों ने प्रमुखता से छापा है।
इसके अलावा स्टार प्रचारकों की सभाओं के खर्चे को प्रत्याशियों के खर्च मे जोड़े जाने, 25 नवंबर को डाक मत डाले जाने के चुनाव आयोग के निर्देशों को सभी अखबारों मे प्रमुखता से छापा गया है।

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