Monday, December 15, 2008

महज खानापूर्ति के जरिए बांटे जा रहे हैं नर्सिंग प्रमाणपत्र...

ऐसा माना जा रहा है कि इस बार जनता ने विकास के मुद्दे पर वोट किया है। लेकिन इस विकास की आड़ मे कितना गोलमाल होता है यह बात कम ही सामने पाती है। ऐसे ही कुछ मामले आज अखबारों की खास सुर्खियां बने हैं।

दैनिक जागरण ने 'इन्टरव्यू को बना दिया मजाक' शीर्षक से लगाई खबर मे सरकारी योजनाओं की आड़ मे चल रही खुली लूट व हो रहे फर्जीवाड़े को उजागर किया है। पत्रकार बिजेन्द्र ठाकुर ने अपनी रपट मे निजी अस्पतालों में नर्सिंग का व्यवहारिक प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकीं सौ बाल श्रमिक बालिकाओं को नर्सिंग जैसे संवेदनशील व विशेषज्ञता वाले क्षेत्र मे योग्यता को ताक पर रखकर कागजी खानापूर्ति कर उद्यमिता विकास केन्द्र इण्डस बाल श्रम परियोजना व व्यावसायिक प्रशिक्षण की राष्ट्रीय परिषद, फिक्की व नर्सिंग काउंसिल आफ इंण्डिया के नाम से रेवड़ी की तरह प्रमाण पत्र बांटे जाने को इस सेक्टर के लिए बेहद खतरनाक बताया है। हालांकि इस खबर को दैनिक भास्कर ने भी ' आत्मनिर्भरता की दिशा मे बढ़ाए कदम शीर्षक से लगाया है। खबर मे यह तो लिखा गया है कि नसिंग का प्रमाण पत्र देश-विदेश मान्य होगा लेकिन लेकिन प्रमाण पत्रों के बांटे जाने की प्रक्रिया की गुणवत्ता के मामले पर अखबार मौन ही रहा।
राज एक्सप्रेस ने 'अंधेरे मे अयोध्या बस्ती की गलियां' शीर्षक लगाई खबर मे खुलासा किया है कि भाजपा सरकार ने गंदी बस्तियों के विकास के लिए शुरू की गई 'अयोध्या बस्ती योजना के तहत शामिल वार्डों व मुहल्लों के दिन अभी तक नहीं फिरे हैं। हालांकि उनके नाम से करोड़ों रूपए की राशि सरकारी खजाने से बाहर आ चुकी है। दैनिक आचरण ने शहर के मुख्य बाजार के फिर से अतिक्रमणकारियों की चपेट मे आने को अपनी अहम खबर के रूप मे छापा है।
नवदुनिया ने असम मे मुर्गियों मे 'बर्ड फ्लू के लक्षण पाए जाने पर मप्र मे भी मुर्गें-मुर्गियों पर निगरानी बड़ जाने की खबर को अपनी पहली सुर्खी के रूप में छापा है।
अन्य खास खबरों में दैनिक जागरण ने कैनरा बैंक से फर्जी हस्ताक्षर के द्वारा एक खातेदार के खाते से 20 हजार रूपए निकाले जाने, राज एक्सप्रेस ने अधूरी बनी पानी की टंकी की वजह से कैन्ट वासियों का गर्मियों मे पानी की किल्लत होने की संभावना, नवदुनिया ने बीना सिविल अस्पताल मे शिशु रोग विशेषज्ञ के बिना बाल संजीवनी योजना चलने व दैनिक भास्कर ने बिना परमिट के स्कूल बसों के नहीं चल पाने से जुड़ी खबरों को अहमियत से छापा है।

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