भ्रष्टाचार का जहर समाज मे काफी गहरे तक फैल गया है। जाहिर रूप मे भले ही कोई इस बात को स्वीकार न करे लेकिन अखबारों मे जबतब छपने वालीं खबरें घुमा-फिराकर इसी इसी ओर ईशारा करतीं लग रहीं हैं।
दैनिक जागरण ने एक खोज परक रपट में पंचायती राज मे व्याप्त भ्रष्टाचार के एक बड़े ही सनसनीखेज मामले का खुलासा किया है। 'जनपदों में कठपुतली बनते लेखाधिकारी' शीर्षक से लगाई अपनी पहली सुर्खी मे अखबार ने लिखा है कि सरकार ने जनपद पंचायतों मे सरकारी योजनाओं के तहत होने वाले आय-व्यय पर नजर रखने के लिए लेखाधिकारी व सहायक लेखाधिकारियों की नियुक्ति की थी। लेकिन लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने इस पहरेदार को दरकिनार कर ही सारी राशि खर्च करते रहे। इस घालमेल की जानकारी लगते ही प्रशासन आला अधिकारी सकते में आ गए हैं।
राज एक्सप्रेस ने सागर विश्वविद्यालय के एमबीए के छात्रों के मुद्दे को अपनी पहली खबर बनाया है। छात्रों ने आरोप लगाया था कि उनके सत्र की परीक्षा मे जानबूझ कर कम अंक दिए गए हैं। शिकायत की जांच के लिए गठित समिति ने भी परीक्षा दोबारा कराने की सिफारिश की। लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी परीक्षा दोबारा नहीं कराई गई और अब तीसरे सत्र की परीक्षा छात्रों के सर पर आ गई है।
दैनिक आचरण ने एक कांग्रेस नेता द्वारा अनुसूचित जाति कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष की कांग्रेसी नेता द्वारा की गई पिटाई के मामले को प्रमुखता से छापा है। नवदुनिया ने अपनी पहली खबर का विषय शहर में दिन मे हो रहे धार्मिक आयोजन व रात मे हो रहीं नए साल की पार्टियों की तैयारियों को बनाया है।
वहीं दैनिक भास्कर शहर मे बेलगाम बढ़ते अतिक्रमण पर लगातार खबरें छापकर प्रशासन पर दबाव बनाता जा रहा है। 'समाधान तो है बशर्ते..' शीर्षक से छापी पहली रपट मे नगर निगम के पिछले चार पूर्व महापौरों के हवाले से अतिक्रमण से निपटने के सुझाव पेश किए हैं । लेकिन एक चुटीली टिप्पणी के जरिए जिला एवं निगम प्रशासन की नियत पर सवालिया निशान लगाया हैं।
इसके अलावा अन्य खास खबरों में नवदुनिया व दैनिक भास्कर ने सागर के निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण के लिए मेडिकल काउंसिल का दौरा टलने, दैनिक भास्कर ने प्रदेश मे दोबारा भाजपा की सरकार बनते ही जिले के लिए 46 करोड़ की लागात की 12 सड़कों के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति मिलने की खबर को अहमियत से छापा है। लेकिन सागर विवि के कुलाधिपति की नियुक्ति पर राजभवन द्वारा आपत्ति उठाए जाने, कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए किए प्रदर्शन की खबर को भी अखबारों मे प्रमखता से स्थान मिला है।
राज एक्सप्रेस ने सागर विश्वविद्यालय के एमबीए के छात्रों के मुद्दे को अपनी पहली खबर बनाया है। छात्रों ने आरोप लगाया था कि उनके सत्र की परीक्षा मे जानबूझ कर कम अंक दिए गए हैं। शिकायत की जांच के लिए गठित समिति ने भी परीक्षा दोबारा कराने की सिफारिश की। लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी परीक्षा दोबारा नहीं कराई गई और अब तीसरे सत्र की परीक्षा छात्रों के सर पर आ गई है।
दैनिक आचरण ने एक कांग्रेस नेता द्वारा अनुसूचित जाति कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष की कांग्रेसी नेता द्वारा की गई पिटाई के मामले को प्रमुखता से छापा है। नवदुनिया ने अपनी पहली खबर का विषय शहर में दिन मे हो रहे धार्मिक आयोजन व रात मे हो रहीं नए साल की पार्टियों की तैयारियों को बनाया है।
वहीं दैनिक भास्कर शहर मे बेलगाम बढ़ते अतिक्रमण पर लगातार खबरें छापकर प्रशासन पर दबाव बनाता जा रहा है। 'समाधान तो है बशर्ते..' शीर्षक से छापी पहली रपट मे नगर निगम के पिछले चार पूर्व महापौरों के हवाले से अतिक्रमण से निपटने के सुझाव पेश किए हैं । लेकिन एक चुटीली टिप्पणी के जरिए जिला एवं निगम प्रशासन की नियत पर सवालिया निशान लगाया हैं।
इसके अलावा अन्य खास खबरों में नवदुनिया व दैनिक भास्कर ने सागर के निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण के लिए मेडिकल काउंसिल का दौरा टलने, दैनिक भास्कर ने प्रदेश मे दोबारा भाजपा की सरकार बनते ही जिले के लिए 46 करोड़ की लागात की 12 सड़कों के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति मिलने की खबर को अहमियत से छापा है। लेकिन सागर विवि के कुलाधिपति की नियुक्ति पर राजभवन द्वारा आपत्ति उठाए जाने, कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए किए प्रदर्शन की खबर को भी अखबारों मे प्रमखता से स्थान मिला है।
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