जहां मावठ कि गिरने से किसानों के चेहरे खिल गए हैं वहीं खेल महोत्सव मे खिलाड़ियों के चेहरे मुरझा गए हैं। राजनीति मे सिद्धांत गायब सिर्फ सत्ता हथियाने के हथकण्डों का ही बोलबाला हो गया है। तिब्बतियों की आजादी के मामले को उठाने मे भारतीय भी पीछे नहीं हैं। इन्हीं मुद्दे से जुड़ी खबरें आज अखबारों की खास सुर्खियां बनीं रहीं हैं।
दैनिक जागरण ने अपनी पहली सुर्खी मे गांधीवादी तिब्ब्त मुक्ति अभियान के प्रणेता डॉ० महेश यादव के सागर आगमन पर खास रपट लगाई है। ' देश की आजादी, तिब्बत की आजादी व आतंकवाद मुक्त विश्व के लिए संघर्ष' शीर्षक से लगाई खबर मे अखबार ने लिखा है की डॉ० यादव ने अपनी मांगों को लेकर दुनिया के कई देशों के प्रमुखों को अपने खून से लिखकर पत्र भी भेजे हैं।
राजएक्सप्रेस ने मावठ से किसानों के चेहरे खुशी से खिलने को अपनी पहली सुर्खी का विषय बनया है। अखबार ने लिखा हे कि 24 घण्टों मे हुई साढ़े मिलीमीटर बारिश कम होते हुए भी फसलों के लिए अमृत के मिलने के समान मानी जा रही है। अन्य अखबारों ने भी इस खबर को काफी अहमियत से छापा है।
लेकिन नवदुनिया ने ' प्रकृति और व्यवस्था की दोहरी मार' शीर्षक से लगाई खबर मे मावठ की बारिश को बिजली कटौती व हड़ताल के समान ही आम जनता की मुश्किलें बढ़ाने वाला बताया है। दैनिक भास्कर ने भी नौ घण्टें तक बरसी मावठा से संभाग भर मे ठिठुरन बढ़ने को ही अपनी पहली खबर का विषय बनाया है।
अन्य खास खबरों मे नवदुनिया ने जिला अस्पताल की बदहाल सुरक्षा व्यवस्था से स्टाफ के रात के समय भयभीत बने रहने, हड़ताल की वजह से सब्जियों के महगें होने, दैनिक भास्कर ने वन विभाग द्वारा जिले के जरूआखेड़ा के जंगलों मे चंदन के वनों की सुरक्षा के खास इंतजाम किए जाने, दैनिक आचरण ने विधानसभा चुनावों की पराजय से कांग्रेस पार्टी के सबक नहीं लेने से जुड़ी खबरों को अहमियत से छापा है।
लीक से हटकर प्रकाशित खबर मे दैनिक जागरण ने डॉ० हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के राजनीति विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर जीपी नेमा से चर्चा के आधार पर देश की वर्तमान राजनीति के हालातों का जायजा लिया है। ' अब गुलदस्ता जैसे हें राजनीति के सिद्धांत' शीर्षक से लगाई रपट मे प्रो० नेमा के हवाले से लिखा है कि वाद महज प्रदर्शन व जनता को ठगने का जरिया बन गए हैं। येनकेन प्रकारेण सत्ता सत्ता हथियाना ही आज की राजनीति का मूल चरित्र बन गया है।
राजएक्सप्रेस ने मावठ से किसानों के चेहरे खुशी से खिलने को अपनी पहली सुर्खी का विषय बनया है। अखबार ने लिखा हे कि 24 घण्टों मे हुई साढ़े मिलीमीटर बारिश कम होते हुए भी फसलों के लिए अमृत के मिलने के समान मानी जा रही है। अन्य अखबारों ने भी इस खबर को काफी अहमियत से छापा है।
लेकिन नवदुनिया ने ' प्रकृति और व्यवस्था की दोहरी मार' शीर्षक से लगाई खबर मे मावठ की बारिश को बिजली कटौती व हड़ताल के समान ही आम जनता की मुश्किलें बढ़ाने वाला बताया है। दैनिक भास्कर ने भी नौ घण्टें तक बरसी मावठा से संभाग भर मे ठिठुरन बढ़ने को ही अपनी पहली खबर का विषय बनाया है।
अन्य खास खबरों मे नवदुनिया ने जिला अस्पताल की बदहाल सुरक्षा व्यवस्था से स्टाफ के रात के समय भयभीत बने रहने, हड़ताल की वजह से सब्जियों के महगें होने, दैनिक भास्कर ने वन विभाग द्वारा जिले के जरूआखेड़ा के जंगलों मे चंदन के वनों की सुरक्षा के खास इंतजाम किए जाने, दैनिक आचरण ने विधानसभा चुनावों की पराजय से कांग्रेस पार्टी के सबक नहीं लेने से जुड़ी खबरों को अहमियत से छापा है।
लीक से हटकर प्रकाशित खबर मे दैनिक जागरण ने डॉ० हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के राजनीति विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर जीपी नेमा से चर्चा के आधार पर देश की वर्तमान राजनीति के हालातों का जायजा लिया है। ' अब गुलदस्ता जैसे हें राजनीति के सिद्धांत' शीर्षक से लगाई रपट मे प्रो० नेमा के हवाले से लिखा है कि वाद महज प्रदर्शन व जनता को ठगने का जरिया बन गए हैं। येनकेन प्रकारेण सत्ता सत्ता हथियाना ही आज की राजनीति का मूल चरित्र बन गया है।
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