Wednesday, June 24, 2009

कागजी कार्यवाही पर लगा प्रतिबंध ऑन लाइन देयक अनिवार्य

स्कूल शिक्षा एवं आदिवासी कल्याण विभाग ने शिक्षकों कर्मचारियों के वेतन की परंपरागत मेन्यूअली व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया है। इसकी सूचना समस्त जिला कोषालयों को भी कर दी गई है। अब हाथ से बनाए गए वेतन देयक कहीं भी स्वीकार नहीं किए जाएंगे। ऑन लाइन तैयार किए गए देयकों पर ही वेतन भुगतान किया जाएगा।

वेतन के लिए की गई ऑन लाइन व्यवस्था में कुछ जिलों के अधिकारियों द्वारा दिलचस्पी न दिखाने पर आदिवासी कल्याण, लोक शिक्षण एवं राज्य शिक्षा केंद्र के आयुक्तों ने नाराजगी जताई है। बीआर नायडू, मनोज झालानी एवं जयदीप गोविंद ने संयुक्त आदेश निकालकर सभी जिला शिक्षा अधिकारियों एवं सहायक आयुक्तों को इसी माह से ऑन लाइन देयक बनाने के निर्देश दिए हैं।
इसके तहत जुलाई में मिलने वाले जून माह का वेतन के देयक भी ऑन लाइन ही बनाने पड़ेंगे। सभी कोषालय एवं उप कोषालय अधिकारियों को भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि वे किसी भी स्थिति में मेन्यूअली देयक स्वीकार न करें। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ विभाग ने कार्रवाई की तैयारी का भी मन बना लिया है। वहीं ऑन लाइन देयक बनाने के लिए हर चरण का तिथिवार कार्यक्रम भी घोषित कर दिया है।
इसके तहत हर माह 15 तारीख से ही वेतन देयक की तैयारी शुरू कर दी जाएगी। पिछले माह का बाउचर नंबर व डाटा 20 तारीख तक ऑन लाइन देयक बनाने के लिए एक्सपोर्ट कर दिया जाएगा। अगले दिन यानि 21 तारीख को डिफाल्टर आहरण-वितरण अधिकारियों की सूची जिलों में तैयार की जाएगी। फिर 22 से 25 तारीख तक इन डिफाल्डरों के ऑन लाइन देयक तैयार कराए जाएंगे।

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