भोपाल। राज्य सरकार ने प्रदेश के नगरीय निकायों में काम करने वाले कर्मचारियों को छठवां वेतनमान देने की घोषणा तो कर दी है लेकिन एक शर्त ने आधे से ज्यादा कर्मचारियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। यह ऐसी शर्त है जिसकी वजह से प्रदेश के लगभग 62 फीसदी नगरीय निकायों में कर्मचारियों को छठवें वेतनमान का लाभ नहीं मिलेगा। इस शर्त की वजह से भोपाल नगर निगम कर्मचारियों को छठवां वेतनमान देने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन इंदौर नगर निगम में मुश्किल आ सकती है।
प्रदेश के नगर निगमों, नगर पालिकाओं तथा नगर पंचायतों में काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को छठवां वेतनमान देने की घोषणा सरकार ने की है लेकिन एक शर्त भी जोड़ी है कि जिन निकायों का स्थापना खर्च 65 प्रतिशत से ज्यादा है वहां के कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल सकेगा।
सूत्रों के अनुसार प्रदेश में कोई 62 प्रतिशत निकायों में स्थापना खर्च 65 प्रतिशत से ज्यादा है। स्पष्ट है कि शर्त की वजह से इन निकायों के कर्मचारी छठवें वेतनमान के लाभ से वंचित रहेंगे। बहुत सारे निकायों की स्थिति तो यह है कि वहां वर्तमान में ही वेतन देने के लाले पड़ते हैं। लिहाजा आने वाले समय में ऐसे निकायों में कर्मचारियों में असंतोष भड़क सकता है और वे सड़क पर उतर सकते हैं।
जहां तक भोपाल नगर निगम का सवाल है तो यहां छठवां वेतनमान देने में कोई समस्या नहीं है क्योंकि यहां स्थापना खर्च 65 फीसदी से काफी कम है। 82 फीसदी वसूली के कारण भी नगर निगम भोपाल की आय संतोषजनक है। इसलिए भोपाल में कर्मचारियों को छठवें वेतनमान का लाभ देने की तैयारी शुरू कर दी गई है। भोपाल नगर निगम मे 3,950 कर्मचारी हैं।
यहां वेतन पर 3 करोड़ 75 लाख तथा पेंशन पर 80 लाख रुपए हर माह खर्च होते हैं। इस तरह वेतन-पेंशन देने में हर साल लगभग 45 करोड़ रुपए का खर्च आता है। छठवां वेतनमान देने के बाद नगर निगम पर साढ़े 8 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आर्थिक भार आएगा।
दूसरी तरह 65 प्रतिशत से ज्यादा स्थापना खर्च वाले प्रदेश के 62 फीसदी निकायों में इंदौर नगर निगम का नाम भी शामिल है। यहां स्थापना खर्च 70 प्रतिशत के आसपास बताया गया है। ऐसी स्थिति में यहां के कर्मचारियों को छठवें वेतनमान का लाभ देने में मुश्किल आ सकती है।
प्रदेश के नगर निगमों, नगर पालिकाओं तथा नगर पंचायतों में काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को छठवां वेतनमान देने की घोषणा सरकार ने की है लेकिन एक शर्त भी जोड़ी है कि जिन निकायों का स्थापना खर्च 65 प्रतिशत से ज्यादा है वहां के कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल सकेगा।
सूत्रों के अनुसार प्रदेश में कोई 62 प्रतिशत निकायों में स्थापना खर्च 65 प्रतिशत से ज्यादा है। स्पष्ट है कि शर्त की वजह से इन निकायों के कर्मचारी छठवें वेतनमान के लाभ से वंचित रहेंगे। बहुत सारे निकायों की स्थिति तो यह है कि वहां वर्तमान में ही वेतन देने के लाले पड़ते हैं। लिहाजा आने वाले समय में ऐसे निकायों में कर्मचारियों में असंतोष भड़क सकता है और वे सड़क पर उतर सकते हैं।
जहां तक भोपाल नगर निगम का सवाल है तो यहां छठवां वेतनमान देने में कोई समस्या नहीं है क्योंकि यहां स्थापना खर्च 65 फीसदी से काफी कम है। 82 फीसदी वसूली के कारण भी नगर निगम भोपाल की आय संतोषजनक है। इसलिए भोपाल में कर्मचारियों को छठवें वेतनमान का लाभ देने की तैयारी शुरू कर दी गई है। भोपाल नगर निगम मे 3,950 कर्मचारी हैं।
यहां वेतन पर 3 करोड़ 75 लाख तथा पेंशन पर 80 लाख रुपए हर माह खर्च होते हैं। इस तरह वेतन-पेंशन देने में हर साल लगभग 45 करोड़ रुपए का खर्च आता है। छठवां वेतनमान देने के बाद नगर निगम पर साढ़े 8 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आर्थिक भार आएगा।
दूसरी तरह 65 प्रतिशत से ज्यादा स्थापना खर्च वाले प्रदेश के 62 फीसदी निकायों में इंदौर नगर निगम का नाम भी शामिल है। यहां स्थापना खर्च 70 प्रतिशत के आसपास बताया गया है। ऐसी स्थिति में यहां के कर्मचारियों को छठवें वेतनमान का लाभ देने में मुश्किल आ सकती है।
No comments:
Post a Comment
If you have something to say about any News, Issues or about any thing under the sun. Just write in the blank space given below and Post It.We always welcome your comments and opinions.