इस योजना पर पांच हजार करोड़ रुपये खर्च
सागर। देश के सभी विश्वविद्यालयों को ई प्रोजेक्ट से जोड़ा जा रहा है। मध्यप्रदेश में इसकी शुरुआत डॉ. हरीसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय से की जा रही है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा पूरे देश में एक समान पाठ्यक्रम लागू करने के प्रयासों के तहत विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भी अनुसंधानों की थीसिस की जानकारी व वीडियो कांफ्रेसिंग से जोड़ने के लिए ई प्रोजेक्ट योजना बनायी गयी है.
इस योजना पर पांच हजार करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे है। इसमें देश के 300 विश्वविद्यालय व पांच हजार महाविद्यालयों को हाई स्पीड इंटरनेट से जोड़ दिया जायेगा। ब्राडबैंड से एक हजार गुना अधिक गति वाले इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले इस प्रोजेक्ट में वन बीगा वाइट प्रति सेकण्ड की स्पीड रहेगी। मध्यप्रदेश के 12 विश्वविद्यालयों को इस प्रोजेक्ट के प्रथम चरण में शामिल किया गया है। योजना की शुरुआत केन्द्रीय विश्वविद्यालय सागर से हो रही है, जिसमें दो करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें 50 प्रतिशत राशि एमएचआरडी, 25 प्रतिशत विश्वविद्यालय तथा 25 प्रतिशत राशि बीएसएनएल वहन करेगी। विश्वविद्यालयों को एक-दूसरे से जोड़ने के लिये यह सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। प्रोजेक्ट में एमएचआरडी द्वारा बीएसएनएल से किये गये अनुबंध के तहत कार्य भी शुरू कर दिया गया है। भारत संचार निगम भोपाल के महाप्रबंधक ने बताया कि उनके द्वारा सागर विश्वविद्यालय को डिमांड भेज दी गई है। इसमें विवि को 49 लाख पचास हजार रुपये जमा करना है। यह राशि एक-दो दिन में जमा होते ही ओएफसी लाइन डालने का काम शुरू हो जायेगा। सागर के अलावा भोपाल के पांच विश्वविद्यालय, इंदौर के तीन, जबलपुर का एक और ग्वालियर विश्वविद्यालय को भी प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है।
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