Monday, August 11, 2008

निर्माण कार्यों को लगी महंगाई व बारिश की नजर..

निमार्ण कार्य मे लगे लोगो के लिए लगता है समय ठीक नहीं चल रहा है। कुछ ठेकेदारों का काम बारिश की वजह से बंद है तो कुछ महंगाई के चलते काम अधुरा छोड़ कर भाग खड़े हुए हैं जो अभी भी डटे हैं वो दाम काम होने की आस मे काम धीमी गति से चला रहे हैं। लेकिन जिन ठेकेदारों पर इन दोनों ही बातों का ही असर नहीं पडा काम उनका भी ठप्प हो गया। लेकिन इनका काम रूकने की वजह धन नहीं मिलना नहीं बल्कि धन मिलना थी। बस यही निन्यान्वे का हेरफेर आज की सुर्खियों मे छाया हा।
राज एक्सप्रेस ने 'ठेकेदार कर रहे तौबा' शीर्षक से लगाई पहली सुर्खी मे लिखा है कि लोहा व सीमेण्ट के दाम बढ़ने से निर्माण कार्यों को समय से पूरा करने मे दिक्कतें आ रहीं हैं। कुछ ठेकेदार दामों मे कमी आने की आस मे काम को लटका रहे हैं लेकिन कुछ ठेकेदार तो काम छोड़ कर ही भाग गए हें। अखबार ने अपने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि क्षे्त्र की विधायक ने भी स्कूलों के निर्माण के लिए विधायक निधि से विभिन्न ऐजेंसिंयों, इनमे नगर निगम भी शामिल है, को जारी की गई राशि समय पर काम पूरा नहीं होने की वजह से कलेक्टर के जरिए लौटाने की मांग शुरू कर दी है।
उधर दैनिक जागरण मे ' फोरलेन सड़क की खुदाई मे गड़ा धन निकला' शीर्षक से लगाई खबर मे लिखा है कि सागर जिला मुख्यालय से झांसी मार्ग पर करीब 11 किलोमीटर दूर स्थित गढ़पहरा के मोतीताल के पास पोकलिन मशीन से खुदाई के दौरान जमीन मे दबे सोने चांदी की मुहरों से भरे घड़े के निकल आने से हड़कंप मच गया। मशीन के चालक तुरंत ही गड़ा धन उठाकर मशीनों को लावारिश छोड़कर चंपत हो गए।
दैनिक आचरण ने नगर निगम के ठेकेदारों द्वारा बैठके के टैक्स को रंगदारी टैक्स की तरह वसूले जाने के वजह से छोटे दुकानदारों में पनप रहे रोष को लेकर खास खबर छापी है। दैनिक जागरण ने नवगठित राजनैतिक दल-जन न्याय दल के अध्यक्ष के के बयान के आधार पर खबर लगाई है। 'शोषकों को न दें सत्ता की ताकत ' शीर्षक से छपी खबर मे बताया है कि बीड़ी मजदूरों के लिए जिम्मेदार अधिकांश सेठ ही सत्ता मे है। उनके सत्ता मे रहते बीड़ी मजदूरों का कल्याण संभव नहीं है। नवदुनिया ने भी इस खबर को ' बीड़ी श्रमिकों का शोषण रोकेंगें' शीर्षक से लगाई है।
दैनिक भास्कर ने सागर विवि द्वारा शिक्षकों के विरोध के चलते स्नातकोत्तर कक्षाओं के लिए राज्य शासन की जगह खुद का ही पाठ्यक्रम लागू करने के निर्णय पर एक बड़ी खबर लगाई है। अखबार ने विवि के कुलसचिव बीएल बुनकर के हवाले से लिखा है कि विवि पिछले साल की तरह अपना ही पाठ्यक्रम लागू करेगा, शासन के पाठ्यक्रम को त्रुटियों व आपत्तियों के सहित वापस कर दिया गया है।

1 comment:

  1. उन मजदुरो का क्या होगा जो यहां काम करते थे ?

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