पंद्रहवी लोकसभा के लिए हुए चुनावों मे मप्र के बुंदेलखण्ड अंचल ने एक नई मिसाल पेश कर चुनावी इतिहास मे अपना नाम दर्ज कर लिया है। इन चुनावों मे प्रदेश भर मे चार हजार से ज्यादा मतदाताओं ने खुले आम अपने अपने क्षेत्र के सभी प्रत्याशियों को नाकाबिल करार देते हुए किसी को भी वोट नहीं दिया। ऐसा करने वालों की संख्या के लिहाज से बुंदेलखण्ड प्रदेश मे अव्वल स्थान पर रहा है।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक मप्र मे पंद्रहवी लोकसभा के लिए दो चरणों में हुए चुनावों मे कुल ४०८१ मतदाताओं ने घोषित तौर पर कहा है कि हम अपने क्षेत्र के किसी भी प्रत्याशी को योग्य नहीं मानते हैं।
लोक प्रतिनिधित्व कानून की धारा ४९-० की के तहत ऐसा कहने वालों मे सबसे ज्यादा मतदाता ३९.५० फीसदी बुंदेलखण्ड अंचल के हैं। बुंदेलखण्ड की चारों लोकसभा सीटों पर कुल १६१४ मतदाताओं ने प्रत्याशियों को अयोग्य मानते हुए वोट नहीं डाला।
खजुराहो मे ७१२, सागर में ४०२, टीकमगढ में ३५१ व दमोह में १४९ मतदाताओं ने बाकायदा मतदान केन्द्र पहुंचकर अपना सत्यापन कराया, उंगली पर निशान लगवाया और वोट न डालते हुए अपनी राय दर्ज कराई कि '' जो उम्मीदवार मैदान में हैं उनमें से कोई भी योग्य नहीं।''
हालांकि मुरैना, शाजापुर, विदिशा, अलीराजपुर व बड वानी मे प्रदेश के ऐसे लोकसभा क्षेत्र रहे हैं जहां एक भी ऐसा मतदाता सामने नहीं आया।
लोक प्रतिनिधित्व कानून की धारा ४९-० की के तहत ऐसा कहने वालों मे सबसे ज्यादा मतदाता ३९.५० फीसदी बुंदेलखण्ड अंचल के हैं। बुंदेलखण्ड की चारों लोकसभा सीटों पर कुल १६१४ मतदाताओं ने प्रत्याशियों को अयोग्य मानते हुए वोट नहीं डाला।
खजुराहो मे ७१२, सागर में ४०२, टीकमगढ में ३५१ व दमोह में १४९ मतदाताओं ने बाकायदा मतदान केन्द्र पहुंचकर अपना सत्यापन कराया, उंगली पर निशान लगवाया और वोट न डालते हुए अपनी राय दर्ज कराई कि '' जो उम्मीदवार मैदान में हैं उनमें से कोई भी योग्य नहीं।''
हालांकि मुरैना, शाजापुर, विदिशा, अलीराजपुर व बड वानी मे प्रदेश के ऐसे लोकसभा क्षेत्र रहे हैं जहां एक भी ऐसा मतदाता सामने नहीं आया।
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