देश में तेजी से कम हो रही बाघों की आबादी को बढ़ाने के लिए सरकार किस कदर तत्पर है, इसकी एक मिसाल मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में देखने को मिल सकती है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की माने तो पन्ना रिजर्व में एक भी बाघ नहीं है।
आबादी बढ़ाने के लिए मार्च में पहुंची दो बाघिनों को अपने नर साथी का इंतजार है। एनटीसीए जांच अधिकारियों का कहना है कि रिजर्व का एकमात्र बाघ जनवरी से खोजे नहीं मिल रहा है, उसके पदचिन्ह रिजर्व के बाहर तो देखने को मिल रहे हैं, लेकिन अंदर उसकी मौजूदगी का कोई चिन्ह नहीं दिख रहा है। इनका कहना है कि इस बारे में हम जून तक रिपोर्ट सौंपेंगे, राज्य के प्रमुख वन संरक्षक के अनुसार, हमने केंद्र से एक बाघ मांगा है।
वैसे पन्ना रिजर्व कभी बाघों से गुलजार रहा करता था। वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया के अनुसार, दो वर्ष पहले तक मध्य प्रदेश के पन्ना और छतरपुर जिलों के 540 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले इस रिजर्व में 15 से 30 बाघ थे।
एनटीसीए द्वारा गठित तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) के सदस्य कमर कुरैशी के अनुसार, जनवरी तक रिजर्व में एक बाघ की मौजूदगी थी, लेकिन मौजूदा समय में एक भी बाघ नहीं है। एकमात्र बाघ के लापता होने की खबरों की पुष्टि के लिए रिजर्व में दो दिन तक डेरा डालने के बाद कुरैशी ने कहा कि एकमात्र बाघ के लापता होने के बारे में जून तक हम केंद्र को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।
जांच दल के निष्कर्ष के बारे में राज्य मुख्य वन संरक्षक एच.एस. पाब्लो का कहना है कि हम पहले ही एक बाघ भेजने का आग्रह केंद्र से कर चुके हैं। एक बाघ की सख्त जरूरत है। जांच दल में एनटीसीए के पूर्व निदेशक पी.के. सेन और राजेश गोपाल भी शामिल हैं। गोपाल के अनुसार, बाघ की मौजूदगी के निशान रिजर्व के बाहर तो मिलते हैं, लेकिन वह अंदर नहीं आ रहा है। हम इसकी जांच कर रहे हैं कि बाघ रिजर्व में आने से क्यों कतरा रहा है।
पन्ना टाइगर रिजर्व में नर बाघ छोड़ा जाएगा : पावला
केंद्र के विशेष जांच दल ने राजस्थान के सरिस्का के समान पन्ना टाइगर रिजर्व में एक भी बाघ नहीं होने की रिपोर्ट की पुष्टि के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने वहां बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए एक नर बाघ लाने की योजना बनाई है।
मध्यप्रदेश के मुख्य वन संरक्षक एच. एस. पावला ने बताया कि राज्य के किसी अन्य टाइगर रिजर्व से एक बाघ को पन्ना टाइगर रिजर्व लाए जाने का प्रस्ताव केंद्र के समक्ष विचाराधीन है।
उन्होंने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए मार्च के पहले पखवाड़े में दो मादा बाघिनों को छोड़ा जा चुका है।
इधर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के पूर्व निदेशक पी.के.सेन के नेतृत्व में केन्द्र के तीन सदस्ईय विशेष जांच दल ने पन्ना टाइगर रिजर्व में दो दिनों के दौरे के बाद कल पन्ना में बताया कि अब तक इस टाइगर रिजर्व में किसी भी नर बाघ के होने की पुष्टि नहीं हुई है।
पिछले जनवरी माह से इस टाइगर रिजर्व में कोई बाघ नहीं देखे जाने की रिपोर्ट के बाद यह विशेष जांच दल पन्ना पहुंचा था। दल के सदस्य कल ही नई दिल्ली लौट गए।
वैसे पन्ना रिजर्व कभी बाघों से गुलजार रहा करता था। वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया के अनुसार, दो वर्ष पहले तक मध्य प्रदेश के पन्ना और छतरपुर जिलों के 540 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले इस रिजर्व में 15 से 30 बाघ थे।
एनटीसीए द्वारा गठित तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) के सदस्य कमर कुरैशी के अनुसार, जनवरी तक रिजर्व में एक बाघ की मौजूदगी थी, लेकिन मौजूदा समय में एक भी बाघ नहीं है। एकमात्र बाघ के लापता होने की खबरों की पुष्टि के लिए रिजर्व में दो दिन तक डेरा डालने के बाद कुरैशी ने कहा कि एकमात्र बाघ के लापता होने के बारे में जून तक हम केंद्र को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।
जांच दल के निष्कर्ष के बारे में राज्य मुख्य वन संरक्षक एच.एस. पाब्लो का कहना है कि हम पहले ही एक बाघ भेजने का आग्रह केंद्र से कर चुके हैं। एक बाघ की सख्त जरूरत है। जांच दल में एनटीसीए के पूर्व निदेशक पी.के. सेन और राजेश गोपाल भी शामिल हैं। गोपाल के अनुसार, बाघ की मौजूदगी के निशान रिजर्व के बाहर तो मिलते हैं, लेकिन वह अंदर नहीं आ रहा है। हम इसकी जांच कर रहे हैं कि बाघ रिजर्व में आने से क्यों कतरा रहा है।
पन्ना टाइगर रिजर्व में नर बाघ छोड़ा जाएगा : पावला
केंद्र के विशेष जांच दल ने राजस्थान के सरिस्का के समान पन्ना टाइगर रिजर्व में एक भी बाघ नहीं होने की रिपोर्ट की पुष्टि के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने वहां बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए एक नर बाघ लाने की योजना बनाई है।
मध्यप्रदेश के मुख्य वन संरक्षक एच. एस. पावला ने बताया कि राज्य के किसी अन्य टाइगर रिजर्व से एक बाघ को पन्ना टाइगर रिजर्व लाए जाने का प्रस्ताव केंद्र के समक्ष विचाराधीन है।
उन्होंने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए मार्च के पहले पखवाड़े में दो मादा बाघिनों को छोड़ा जा चुका है।
इधर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के पूर्व निदेशक पी.के.सेन के नेतृत्व में केन्द्र के तीन सदस्ईय विशेष जांच दल ने पन्ना टाइगर रिजर्व में दो दिनों के दौरे के बाद कल पन्ना में बताया कि अब तक इस टाइगर रिजर्व में किसी भी नर बाघ के होने की पुष्टि नहीं हुई है।
पिछले जनवरी माह से इस टाइगर रिजर्व में कोई बाघ नहीं देखे जाने की रिपोर्ट के बाद यह विशेष जांच दल पन्ना पहुंचा था। दल के सदस्य कल ही नई दिल्ली लौट गए।
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