Saturday, May 30, 2009

नौरादेही अभ्यारण मे सागौन की अवैध कटाई का मामला उजागर

इन दिनों मप्र का जंगल विभाग सुर्खियों में बना हुआ है। अभी बुंदेलखण्ड के पन्ना जिले में स्थित टाईगर रिजर्व से बाघों के गायब होने का मामला थमा हीं नहीं था कि सागर नरसिंहपुर जिले में फैले प्रदेश के सबसे बड़े अभ्यारण नौरादेही अभ्यारण मे मशीनों की मदद से चल रही सागौन की अवैध कटाई का मामला उजागर हो गया।

सूत्रों के मुताबिक नौरादेही रेंज में महाराजपुर राजस्व सर्किल के ग्राम बिंदली के करीब २६२ हैक्टेयर क्षेत्रफल में लगे सागौन के जंगल को दबंगों द्वारा पिछले छह माह से जेसीबी मशीनों की मदद से अवैध रुप से काट कर मैदान बना दिया है। लेकिन आरोपियों के खिलाफ शिकंजा कसने की जगह वन विभाग के अधिकारी इसे अपना क्षेत्राधिकार का मामला नहीं बताकर आपस मे ही उलक्ष गए है।
जिला कलेक्टर हीरालाल ि त्रवेदी के मुताबिक नौरादेही रेंज मे लंबे समय से चल रही सागौन के पेडों की अवैध कटाई की सूचना मिलने पर सोमवार को देवरी एसडीएम एससी शर्मा, नायब तहसीलदार पीएस स्वर्णकार, एसडीओ वन परिक्षेत्र एसके प्रजापति, रेंजर राजेन्द्र मिश्रा, डिप्टी रेंजर नौरादेही आरके चौबे व एसडीओपी सुरेन्द्र सिंह डाबर शामिल कर एक उच्च स्तरीय जांच दल गठित किया। जिसकी रपट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ वन व राजस्व विभाग कार्यवाही करेगा।
जांच दल ने सोमवार को ही ग्राम बिंदली के रावसाहब की हवेली मे छापा मारा। छापामार कार्यवाही मे जाचं दल पहले ही दिन आरोपी बिंदली गांव निवासी रावसाब के बाड े से सागौन की लकड ी के ६६ लठ ठे जब्त किए । बाजार मे जिनकी कीमत करीब २० रुपए बताई जा रही है। लेकिन आरोपी रावसाब अपने साथियों के साथ कार्यवाही की भनक लगते ही जांच दल के मौके पर पहुंचने से पहले ही भाग गया।
अब तक जांच दल ने नौरादेही अभ्यारण व दक्षिणी वन मण्डल की सीमा पर बसे ग्राम बिंदल में आरोपी की हवेली, खेत, व बाड़े से ९ ट्रक सागौन की लकड ी जब्त कर चुका है जिसकी बाजार मे कीमत ५० लाख रुपए से भी ज्यादा बताई जा रही है। जबकि अभी करीब २० फीसदी लकड ी ही जब्त हो सकी है। बताया जा रहा है कि वन विभाग के अधिकारियों के विवाद के चलते जब्ती का काम ठप्प पड गया है।
लेकिन बिंदली ग्राम के क्षेत्राधिकार के मसले पर जहां नौरादेही अभ्यारण के डीएफओ आरएस सिकरवार इसे दक्षिण वन मंण्डल का क्षेत्र बता कर अपना पल्ला क्षाड रहें हैं वहीं दक्षिण वन मण्डल के डीएफओं भी इस विवादित क्षेत्र को अपना नहीं बता कर खुद को सागौन की अवैध कटाई के मामले से दूर रखने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं। जबकि देवरी वन परिक्षेत्र के अधिकारी बीके मिश्रा के मुताबिक उनके पास उपलब्ध नक्शे मे यह क्षेत्र नौरादेही अभ्यारण का ही हिस्सा है।
गुरुवार को नौरादेही अभ्यारण के डीएफओ आरएस सिकरवार द्वारा विवादित क्षेत्र को अपना नहीं बताकर न केवल कार्यवाही से हाथ खींच लिए बल्कि अपना अमला भी मौके से हटा लिया। इसके चलते अब सारी कार्यवाही राजस्व विभाग का अमले के सर पर आ गई है। नायब तहसीलदार पीएस सोनी ने बताया कि एक राजस्व निरीक्षक व २३ कोटवारों की टीम की सहायता से अवैध लकड ी की के गिनने का काम चल रहा है। इसके साथ साथ जब्त लकड ी की फैंसिंग व वीडियो रिकार्डिंग भी कराई जा रही है।
जाचं दल मे शामिल एसडीएओ वन एसके प्रजापति ने बताया कि नौरादेही अभ्यारण का मामला होने की वजह से अभ्यारण के डिप्टी रेंजर आरके चौबे ने बिंदली के रावराब के खिलाफ वन अपराध पंजीबद्भ किया गया है।
इस सारे मामले में स्थानीय लोगों का कहना है कि जितने सुनियोजित तरीके व मशीनों की मदद से लंबे समय से बेखौफ सागौन की कटाई की गई है उससे देखकर लगता नहीं है कि यह काम राजनैतिक सरंक्षण व अधिकारियों की मिली भगत बिना ं हो रहा था।
इसी सिलसिले में मुखय संरक्षक भानू गुप्ता ने बताया कि नौरादेही अभ्यारण के बिंदली गांव में हुई सागौन की अवैध कटाई के मामले मे जांच के लिए एक समिति गठित की गई है। जिसमें दक्षिण वन मंण्डल के डीएफओ एसके शर्मा, नौरादेही अभ्यारण के डीएफओ आरएस सिकरवार व एण्टीपोचिंग प्रभारी बीआर गब्हाणे को शामिल किया गया है।

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