Sunday, June 14, 2009

अब हर गरीब का होगा मुफ्त इलाज

हर गरीब का मुफ्त इलाज होगा। प्रदेश सरकार गरीबों के लिए अपने खजाने के द्वार खोलने जा रही है। सरकार की मंशा है कि जो गरीब है, उसका केवल अस्पताल में मुफ्त इलाज ही हो बल्कि उसे दवाइयां और जांच पर भी एक पाई खर्च करना पड़े। चाहे फिर उसके पास दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना का कार्ड हो या हो। स्वास्थ्य विभाग सरकार की इस सोच को धरातल पर लाने की कवायद में जुट गया है।

फिलहाल दस पिछड़े जिलों में इस योजना को लागू करने की तैयारी है। यहां सफल होते ही योजना को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इस मंशा से स्वास्थ्य मंत्री अनूप मिश्रा ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया है। उन्होंने विभाग से प्रदेश के हर गरीब को निशुल्क उपचार हासिल हो, ऐसी व्यवस्था करने को कहा है। इसके बाद विभाग एक पायलट योजना बना रहा है, जिसे शुरू में पन्ना, श्योपुर, शिवपुरी, उमरिया, शहडोल, शाजापुर, झाबुआ और डिण्डौरी सहित दस जिलों में प्रयोग के तौर पर लागू किया जा सकता है।
यहां सफल होने पर योजना को पूरे प्रदेश में लागू करने पर विचार होगा। सूत्र बताते हैं कि योजना के मुताबिक जिन लोगों पर दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना के कार्ड नहीं हैं, लेकिन वे गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वालों की श्रेणी में आते हैं, उन्हें निशुल्क उपचार, दवाइयां और जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सूत्र बताते हैं कि सरकार का मानना है कि जो लोग सरकारी अस्पताल में उपचार कराने आते हैं और जनरल वार्ड में भर्ती होते हैं, वे सभी गरीब होते हैं।
इस कारण उनका मुफ्त उपचार होना चाहिए। जबकि विभाग यह सुविधा देने पर इसका दुरुपयोग होने की आशंका जता रहा है। उसका कहना है कि ऐसी स्थिति में सरकारी अस्पताल के चिकित्सक योजना का गलत लोगों को लाभ दिलाएंगे। सूत्र बताते हैं कि इसके लिए एक कमेटी बनाने का भी विचार है, जो तय करेगी कि निशुल्क उपचार के लिए कौन पात्र है और कौन नहीं। बताया जाता है कि अभी प्रदेश में लगभग 67 लाख परिवार बीपीएल कार्डधारी हैं। इनमें से अब तक करीब 50 लाख के स्वास्थ्य कार्ड बन चुके हैं।
15 लाख लोग ले चुके हैं लाभ
दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना के तहत फरवरी-09 तक प्रदेश भर में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले 49 लाख 74 हजार 737 परिवारों के स्वास्थ्य कार्ड बनाए जा चुके थे। अभी स्वास्थ्य कार्ड बनाने का सिलसिला जारी है। इस योजना के तहत साल भर में प्रति परिवार को 20 हजार तक के उपचार, जांच और दवाइयां दी जा सकती हैं।
25 सितंबर 04 से फरवरी 09 तक 14 लाख 98 हजार दो सौ दस लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। इस वित्तीय वर्ष में योजना के लिए 15 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, जिसमें से 14 करोड़ 33 लाख खर्च किए जा चुके हैं। इस वित्तीय साल में फरवरी-09 तक 5 लाख 40 हजार 69 लोगों ने योजना का लाभ लिया।

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