Monday, July 13, 2009

मंहगाई नहीं धर्म और अध्यात्म है मेरे चिंतन का विषय-रावतपुरा सरकार

मंहगाई के बारे मे मेरा अध्ययन नहीं हैं इसके बारे मे कुछ नहीं कह सकता हूं। धर्म और अध्यात्म ही मेरा अध्ययन का क्षेत्र है। बुंदेलखण्ड देश का पिछड़ा क्षेत्र है। इसका समुचित विकास होना चाहिए। ये विचार रावतपुरा सरकार के नाम से मशहूर संत रविशंकर ने आज यहां सागर मे कल्पना भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान व्यक्त किए।
८ जुलाई से ४ सितंबर तक चातुर्मास व्यतीत करने सागर आए संत रावतपुरा सरकार ने बताया कि उनकी नजर मे सब समान हैं। गरीब लोग वो हैं जिनमें तृष्णा ज्यादा है वो नहीं जिनके पास दाल-रोटी खाने का भी साधन नहीं है।
सत्संग मे समाज के असरदार लोगों की ज्यादा मौजूदगी से जुडे सवाल पर संत रविशंकर ने कहा कि बड े लोग समाज के लिए सत्संग मे आने के लिए अच्छे प्रेरणा से्रात का काम कर सकते हैं। साधन संपन्न लोगों के यहां ही रुकने की वजह बताते हुए उन्होने कहा कि आम आदमी हमारे आयोजन व दल का खर्च वहन नहीं कर सकता है।
सागर मे आश्रम खोले जाने के सिलसिले मे गर्म अटकलों को विराम देते हुए संत रावतपुरा सरकार ने कहा कि डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय होने की वजह से सागर पहले से ही शिक्षा का मंदिर है।
पृथक बुंदेलखण्ड के औचित्य से जुड े सवाल पर रावतपुरा सरकार ने बुंदेलखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों मे पसरी गरीब का जिक्र करते हुए कहा कि बुंदेलखण्ड का विकास अहम मुद्दा है। बुंदेलखण्ड का विकास होना चाहिए।
देश भर मे बारिश नहीं होने पर चिंता व्यक्त करते हुए संत रविशंकर ने कहा कि वो अपने प्रवचनों मे प्रमुखता से लोगो को पेड लगाने व पानी के सदुपयोग की शिक्षा देते हैं। लेकिन देश मे बढ ती मंहगाई से आम जनता की बढ ती मुश्किलों से जुडे सवाल को दरकिनार करते हुए उन्होने कहा कि मंहगाई उनके अध्ययन का क्षेत्र नहीं है। धर्म और अध्यात्म ही उनके अध्ययन का क्षेत्र है। उन्होने खुशहाल व विकसित भारत निर्माण को ही अपने जीवन का लक्ष्य बताया।

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