मप्र के मुख्यमंत्री के बुंदेलखण्ड दौरे की खबर को सभी अखबारों ने आज अपनी पहली सुर्खी बनाया है। इसके अलावा सागर विश्वविद्यालय, शिक्षा व अपराध की खबरों को भी अखबारों ने काफी अहमियत से छापा है।
सागर के देवरी विकासखण्ड मे आयोजित मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की रपट को दैनिक जागरण ने " तलाशी से शर्मसार हुईं महिलाएं " शीर्षक से अपनी पहली खबर बनाया है। खबर मे अखबार ने लिखा है कि प्रदेश के विकास व जनता के कल्याण के नाम पर आयोजित कार्यक्रम का स्थल पुलिस छावनी मे तब्दील बना रहा। कांग्रेसियो द्वारा मुख्यमंत्री को काले झण्डे दिखाए जाने की धमकी के चलते पुलिस ने आम जनता ही नहीं महिलाओं को भी तलाशी की कार्यवाही से नहीं बख्शा। अखबार ने प्रदेश के सहकारिता एवं कृषि मंत्री गोपाल भार्गव के हवाले से लिखा है कि कांग्रेस ने विश्वास मत हासिल करने के लिए भोले-भाले जनप्रतिनिधियों को खरीदने का गैर लोकतांत्रिक काम किया है।
इसी खबर को नवभारत ने " सांसद खरीदने को करोडों, सूखे के लिए नहीं दी फूटी कोडी" व राज एक्सप्रेस ने " सिर्फ सांसद खरीदने के लिए है पैसा" शीर्षक से अपनी पहली खबर बनाया है। दोनों अखबारों ने मुख्यमंत्री के हवाले से लिखा है कि " संसद को मंडी बना देने वाली यूपीए सरकार के पास सांसदों के खरीदने के लिए अपार दौलत थी लेकिन सूखाग्रस्त मप्र के लिए उन्होने फूटी कौडी भी नहीं दी। जबकि यही खबर दैनिक भास्कर में " देवरी मे लगा विकास का पत्थर" व नवदुनिया में " देवरी को करोडो की सौगातें " शीर्षक से छपीं हैं जिनमे मुख्यमंत्री द्वारा देवरी मे 13 करोड 33 लाख रुपए की अनुमानित लागात के विकास कार्यों की आधारशिला रखे जाना का उल्लेख किया गया है।
इन दिनों सागर विश्वविद्यालय भी लगातार कई वजहों से अखबारों की सुख्रिर्यों मे छाया हुआ है। राज एक्सप्रेस ने " राज भवन की कार्यवाही पर हाईकोर्ट की आपत्ति" शीर्षक से लगाई खबर मे लिखा है कि विवि के वाणिज्य विभाग के एक शिक्षक के खिलाफ नियम विरुद्ध नियुक्ति व लाभ लेने के प्रकरण पर 5 जून को जबलपुर उच्च न्यायालय ने आपत्ति जताई है। खबर मे लिखा है कि उच्च न्यायालय ने अपने स्पीकिंग आदेश मे राजभवन को 90 दिन के अंदर इस प्रकरण को हल करने व राज भवन व हाईकोर्ट को विवि द्वारा सहयोग नहीं करने पर कठोर कार्यवाही करने को कहा है। दैनिक भास्कर ने धरना, प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कुलपति द्वारा व शिक्षक संघ के कुलपति की कार्यवाहियों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए जाने की खबर को "विवि मे आक्रामक तेवर" हेडिंग से लगाया। जबकि दैनिक जागरण ने विवि प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली के शिकार हो रहे शोध छात्रों की समस्या पर " टीए-डीए के फेर मे उलझी यूजीसी फैलोशिप" शीर्षक से खबर लगाई है। अखबार ने लिखा है कि विद्यार्थियों को यूजीसी से मंजूर हुए शोध कार्य बाहर से आमंत्रित विशेषज्ञों द्वारा साक्षात्कार लिए बिना
शुरु नहीं हो सकते हैं लेकिन उन विशेषज्ञों के टीएडीए के खर्च का इंतजाम विवि द्वारा नहीं किए जाने की वजह से इन शोध कार्यों के निरस्त होने का खतरा पैदा हो गया है।
इसके अलावा दैनिक आचरण, दैनिक भास्कर व नवदुनिया द्वारा समय समय पर विवि के ई-लाईब्रेरी योजना के अमल मे हो रही देरी पर लगाई खबरों के चलते हाल ही मे कुलपति द्वारा ई-लाईब्रेरी योजना समिति के अध्यक्ष पीके कठल को हटा दिया। लेकिन विश्वविद्यालय की इस कार्यवाही के पीछे साजिश बताए जाने संबंधी विवि शिक्षक संघ के बयानों को भी अखबारों ने प्रमुखता से छापा है। नवदुनिया ने लिखा है विवि अभी कागजी घोडे दौडाने मे मशगूल है जबकि शैक्षिक सत्र के शुरु एक माह होने को है और वह अभी प्रवेश देने की प्रक्रिया में ही उलझा हुआ है।
साथ ही कल सागर मे हुई जिला ग्रामीण कांग्रेस कमेटी की बैठक मे टिकिटार्थियों का हुजूम उमडने की खबर को सभी अखबारों ने काफी स्थान दिया है।
सागर के देवरी विकासखण्ड मे आयोजित मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की रपट को दैनिक जागरण ने " तलाशी से शर्मसार हुईं महिलाएं " शीर्षक से अपनी पहली खबर बनाया है। खबर मे अखबार ने लिखा है कि प्रदेश के विकास व जनता के कल्याण के नाम पर आयोजित कार्यक्रम का स्थल पुलिस छावनी मे तब्दील बना रहा। कांग्रेसियो द्वारा मुख्यमंत्री को काले झण्डे दिखाए जाने की धमकी के चलते पुलिस ने आम जनता ही नहीं महिलाओं को भी तलाशी की कार्यवाही से नहीं बख्शा। अखबार ने प्रदेश के सहकारिता एवं कृषि मंत्री गोपाल भार्गव के हवाले से लिखा है कि कांग्रेस ने विश्वास मत हासिल करने के लिए भोले-भाले जनप्रतिनिधियों को खरीदने का गैर लोकतांत्रिक काम किया है।
इसी खबर को नवभारत ने " सांसद खरीदने को करोडों, सूखे के लिए नहीं दी फूटी कोडी" व राज एक्सप्रेस ने " सिर्फ सांसद खरीदने के लिए है पैसा" शीर्षक से अपनी पहली खबर बनाया है। दोनों अखबारों ने मुख्यमंत्री के हवाले से लिखा है कि " संसद को मंडी बना देने वाली यूपीए सरकार के पास सांसदों के खरीदने के लिए अपार दौलत थी लेकिन सूखाग्रस्त मप्र के लिए उन्होने फूटी कौडी भी नहीं दी। जबकि यही खबर दैनिक भास्कर में " देवरी मे लगा विकास का पत्थर" व नवदुनिया में " देवरी को करोडो की सौगातें " शीर्षक से छपीं हैं जिनमे मुख्यमंत्री द्वारा देवरी मे 13 करोड 33 लाख रुपए की अनुमानित लागात के विकास कार्यों की आधारशिला रखे जाना का उल्लेख किया गया है।
इन दिनों सागर विश्वविद्यालय भी लगातार कई वजहों से अखबारों की सुख्रिर्यों मे छाया हुआ है। राज एक्सप्रेस ने " राज भवन की कार्यवाही पर हाईकोर्ट की आपत्ति" शीर्षक से लगाई खबर मे लिखा है कि विवि के वाणिज्य विभाग के एक शिक्षक के खिलाफ नियम विरुद्ध नियुक्ति व लाभ लेने के प्रकरण पर 5 जून को जबलपुर उच्च न्यायालय ने आपत्ति जताई है। खबर मे लिखा है कि उच्च न्यायालय ने अपने स्पीकिंग आदेश मे राजभवन को 90 दिन के अंदर इस प्रकरण को हल करने व राज भवन व हाईकोर्ट को विवि द्वारा सहयोग नहीं करने पर कठोर कार्यवाही करने को कहा है। दैनिक भास्कर ने धरना, प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कुलपति द्वारा व शिक्षक संघ के कुलपति की कार्यवाहियों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए जाने की खबर को "विवि मे आक्रामक तेवर" हेडिंग से लगाया। जबकि दैनिक जागरण ने विवि प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली के शिकार हो रहे शोध छात्रों की समस्या पर " टीए-डीए के फेर मे उलझी यूजीसी फैलोशिप" शीर्षक से खबर लगाई है। अखबार ने लिखा है कि विद्यार्थियों को यूजीसी से मंजूर हुए शोध कार्य बाहर से आमंत्रित विशेषज्ञों द्वारा साक्षात्कार लिए बिना
शुरु नहीं हो सकते हैं लेकिन उन विशेषज्ञों के टीएडीए के खर्च का इंतजाम विवि द्वारा नहीं किए जाने की वजह से इन शोध कार्यों के निरस्त होने का खतरा पैदा हो गया है।
इसके अलावा दैनिक आचरण, दैनिक भास्कर व नवदुनिया द्वारा समय समय पर विवि के ई-लाईब्रेरी योजना के अमल मे हो रही देरी पर लगाई खबरों के चलते हाल ही मे कुलपति द्वारा ई-लाईब्रेरी योजना समिति के अध्यक्ष पीके कठल को हटा दिया। लेकिन विश्वविद्यालय की इस कार्यवाही के पीछे साजिश बताए जाने संबंधी विवि शिक्षक संघ के बयानों को भी अखबारों ने प्रमुखता से छापा है। नवदुनिया ने लिखा है विवि अभी कागजी घोडे दौडाने मे मशगूल है जबकि शैक्षिक सत्र के शुरु एक माह होने को है और वह अभी प्रवेश देने की प्रक्रिया में ही उलझा हुआ है।
साथ ही कल सागर मे हुई जिला ग्रामीण कांग्रेस कमेटी की बैठक मे टिकिटार्थियों का हुजूम उमडने की खबर को सभी अखबारों ने काफी स्थान दिया है।
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