Sunday, September 7, 2008

रिश्वतखोर अधिकारी को कोर्ट ने दिखाया जेल का रास्ता...

भ्रष्टाचार इस वक्त देश मे गंभीर मुद्दा बना हुआ है। मप्र इस बात का अपवाद नहीं बल्कि इस लिहाज से एक सर्वेक्षण के मुताबिक मप्र देश मे अव्वल नंबर पर है। लेकिन इन हालातों मे भ्रष्टाचारियों को हवालात की पीछे पहुंचाने की अदालतों के निर्णय काफी दिलाशा देने वाले होते हें। हालांकि अखबारों की सुर्खियां बताती है कि प्रशासनिक खामियों को उजागर करने मे भी अखबार खूब मशक्कत कर रहें हैं।
सागर के पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० अशोक बमोरिया करीब 4 साल पहले 50 हजार रूपए की रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस द्वारा रंगे हाथों पकड़े गए थे। शनिवार को जिला अदालत द्वारा उन्हें रिश्वत लेने के जुर्म में 3 साल के कारावास व 10 हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाए है। इस खबर को सभी अखबारों ने सुर्खियों मे छापा है। दैनिक जागरण ने 'रिशवतखोर सीएमएचओं को कारावास', राज एक्सप्रेस ने ' पूर्व सीएमओ बमोरिया को कारावास', नवदुनिया ने ' डॉ० बमोरिया को तीन साल की कैद' व दैनिक भास्कर ने रिटायर्ड सीएमएचओ को तीन साल की सजा' शीर्षक से इस खबर को लगाया है। खबर में में अखबारों ने न्यायालय द्वारा फरियादी के खिलाफ भी बयान बदलने के आरोप मे कार्यावाही के निर्देश दिए जाने को भी खास तवज्जो दी है।
राज एक्सप्रेस ने शासकीय कार्यालयों मे अस्थाई तौर पर पदस्थ कम्प्यूटर आपरेटरों को कलेक्टर'दर से वेतन नहीं दिए जाने के मामले को फ्रंट पर छापा है। अखबार ने खबर मे आयुक्त इंदौर द्वारा जून 08 मे जारी एक आदेश के हवाला देते हुए लिखा है कि शासन ने अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल व क़षि श्रमिकों के लिए वेतन क्रमश? 3195, 3325, 3475 व 88 रूपए मासिक तय किया है। लेकिन शासकीय कर्मचारियों को न तो इस दर से वेतन दिया जा रहा है और न ही साप्ताहिक अवकाश।
दैनिक भास्कर ने योजना आयोग द्वारा सागर विश्वविद्यालय को केन्द्रीय बनाए जाने के मामले पर मानव संसाधन विभाग के निर्णय पर सवाल उठाने से विवि के केन्द्रीय दर्जा मिलने के प्रक्रिया के अटकने के पैदा होने पर लोगों की त्वरित प्रतिक्रियाओं पर एक बड़ी खबर लगाई है।
और अंत मे दैनिक जागरण ने सागर के कलेक्टर अबतक के कार्यकाल की उपलब्धियों पर एक बड़ी खबर लगाई है। 'हर चुनौती से निपट कर दिखाया त्रिवेदी ने' शीर्षक से लगाई अपनी पहली खबर मे अखबार ने लिखा है कि कलेक्टर हीरालाल त्रिवेदी के चुस्त प्रशासनिक नेत़त्व व सघन दौरों के चलते सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के जमीनी स्तर पर हुए क्रियान्वयन के बेहतर नतीजे सामने आ रहे हैं।

1 comment:

  1. "भ्रष्टाचार इस वक्त देश मे गंभीर मुद्दा बना हुआ है। मप्र इस बात का अपवाद नहीं बल्कि इस लिहाज से एक सर्वेक्षण के मुताबिक मप्र देश मे अव्वल नंबर पर है।"

    सही कहा है आप ने !!



    -- शास्त्री जे सी फिलिप

    -- हिन्दी चिट्ठाकारी के विकास के लिये जरूरी है कि हम सब अपनी टिप्पणियों से एक दूसरे को प्रोत्साहित करें

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