प्रदेश के सबसे पिछड़े अंचल बुंदेलखण्ड के विकास को गति देने के लिए राज्य शासन द्वारा दो साल पहले गठित बुंदेलखण्ड विकास प्राधिकरण के कामकाज पर उंगलियां उठने लगीं हैं। कहा जा रहा है कि प्राधिकरण का गठन राजनैतिक मकसद से किया गया था इसीलिए इसने अबतक समूचे बुंदेलखण्ड का नहीं महज एक क्षेत्र के विकास मे ज्यादा रूचि दिखाई है। जो काम मंजूर हुए भी तो उनमे से महज १५ फीसदी ही काम वह पूरे कर पाया है।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक सुरेन्द्र चौधरी का कहना है कि बुंदेलखण्ड विकास प्राधिकरण का गठन ही राजनैतिक मकसद से किया गया था। इसका उद देश्य बुंदेलखण्ड का विकास कम उमा भारती के विरोधी सुरेंन्द्र सिंह बेबी राजा को राजनैतिक पद से नवाजा जाना ज्यादा था। ऐसे मे अगर प्राधिकरण बुंदेलखण्ड के विकास मे कोई उल्लेखनीय भूमिका नहीं निभा पाए तो कोई आश्चर्य नहीं है।
मप्र सरकार ने अप्रेल २००७ को बुदेलखण्ड विकास प्राधिकरण के गठन की घोषणा की थी। प्राधिकरण का पहला अध्यक्ष टीकमगढ जिले के सुरेन्द्र सिंह बेबी राजा को बनाया गया। प्राधिकरण के कार्यक्षेत्र मे सागर राजस्व संभाग के पांचों जिले- सागर, दमोह, छतरपुर, पन्ना व टीकमगढ व ग्वालियर राजस्व संभाग के दतिया जिले को शामिल किया गया है। साथ ही प्राधिकरण को ११ वीं पंचवर्षीय योजना (२००७-२०१२) के लिए १० करोड की राशि आवंटित की गई है।
अधिकृत जानकारी के मुताबिक प्राधिकरण ने पिछले दो सालों क्रमशः २००७ व २००८ में ३ करोड़ ८४ लाख ५८ हजार ७०० रुपए की लागत के २०७ कामों को मंजूरी दी। लेकिन इनमें से १२० काम व २ करोड १५ लाख १६ हजार ५५५ रुपए तो केवल टीकमगढ जिले के हिस्से ही चले गए। जो प्राधिकरण को दो सालों मे आवंटित कुल राशि व कामों की संखया का करीब ६० फीसदी ठहरता है। जबकि शेष एक करोड ६९ लाख ४२ हजार १४५ राशि के ८७ काम शेष पांच जिलों- सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर व दतिया के खाते मे गए।
इस सिलसिले मे प्राधिकरण द्वारा छतरपुर जिले में ३७ लाख रुपए के १४ काम, सागर मे ४४ लाख ७५ हजार रुपए के ३८ काम, पन्ना जिले में ५३ लाख ४६ हजार रुपए १९ काम, दमोह जिले में १३ लाख ७८ हजार रुपए के ३ काम व दतिया जिले में २० लाख ४३ हजार रुपए के १३ निमार्ण काम करा रहा है। लेकिन प्राधिकरण अबतक कुल आवंटित २०७ कामों मे से केवल ३६ काम ही पूरे करा पाया है। जबकि १७१ काम निर्माणाधीन हैं।
हालांकि बुंदेलखण्ड विकास प्राधिकरण के सदस्य डालचंद पटेल बडी साफगोई से स्वीकार करते हैं। प्राधिकरण के अबतक के काम व बजट का आधे से ज्यादा हिस्से केवल एक जिले के हिस्से मे गया है। लेकिन उनका कहना है कि आने वाले वर्षों मे प्राधिकरण बुंदेलखण्ड के विकास मे महती भूमिका निभाएगा। उन्होने कहा कि प्राधिकरण खासतौर पर बुंदेलखण्ड मे कृषि के विकास के लिए सिंचाई सुविधाओं को बढ ाने पर ध्यान केन्द्रित करेगा।राज्य शासन द्वारा बुंदेलखण्ड विकास प्राधिकरण को चालू वित्तीय वर्ष २००९-१० मे एक करोड ६० लाख रुपए का बजट आवंटित किया गया है। जो जिलों के आधार पर किया गया है।
मप्र सरकार ने अप्रेल २००७ को बुदेलखण्ड विकास प्राधिकरण के गठन की घोषणा की थी। प्राधिकरण का पहला अध्यक्ष टीकमगढ जिले के सुरेन्द्र सिंह बेबी राजा को बनाया गया। प्राधिकरण के कार्यक्षेत्र मे सागर राजस्व संभाग के पांचों जिले- सागर, दमोह, छतरपुर, पन्ना व टीकमगढ व ग्वालियर राजस्व संभाग के दतिया जिले को शामिल किया गया है। साथ ही प्राधिकरण को ११ वीं पंचवर्षीय योजना (२००७-२०१२) के लिए १० करोड की राशि आवंटित की गई है।
अधिकृत जानकारी के मुताबिक प्राधिकरण ने पिछले दो सालों क्रमशः २००७ व २००८ में ३ करोड़ ८४ लाख ५८ हजार ७०० रुपए की लागत के २०७ कामों को मंजूरी दी। लेकिन इनमें से १२० काम व २ करोड १५ लाख १६ हजार ५५५ रुपए तो केवल टीकमगढ जिले के हिस्से ही चले गए। जो प्राधिकरण को दो सालों मे आवंटित कुल राशि व कामों की संखया का करीब ६० फीसदी ठहरता है। जबकि शेष एक करोड ६९ लाख ४२ हजार १४५ राशि के ८७ काम शेष पांच जिलों- सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर व दतिया के खाते मे गए।
इस सिलसिले मे प्राधिकरण द्वारा छतरपुर जिले में ३७ लाख रुपए के १४ काम, सागर मे ४४ लाख ७५ हजार रुपए के ३८ काम, पन्ना जिले में ५३ लाख ४६ हजार रुपए १९ काम, दमोह जिले में १३ लाख ७८ हजार रुपए के ३ काम व दतिया जिले में २० लाख ४३ हजार रुपए के १३ निमार्ण काम करा रहा है। लेकिन प्राधिकरण अबतक कुल आवंटित २०७ कामों मे से केवल ३६ काम ही पूरे करा पाया है। जबकि १७१ काम निर्माणाधीन हैं।
हालांकि बुंदेलखण्ड विकास प्राधिकरण के सदस्य डालचंद पटेल बडी साफगोई से स्वीकार करते हैं। प्राधिकरण के अबतक के काम व बजट का आधे से ज्यादा हिस्से केवल एक जिले के हिस्से मे गया है। लेकिन उनका कहना है कि आने वाले वर्षों मे प्राधिकरण बुंदेलखण्ड के विकास मे महती भूमिका निभाएगा। उन्होने कहा कि प्राधिकरण खासतौर पर बुंदेलखण्ड मे कृषि के विकास के लिए सिंचाई सुविधाओं को बढ ाने पर ध्यान केन्द्रित करेगा।राज्य शासन द्वारा बुंदेलखण्ड विकास प्राधिकरण को चालू वित्तीय वर्ष २००९-१० मे एक करोड ६० लाख रुपए का बजट आवंटित किया गया है। जो जिलों के आधार पर किया गया है।
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