सागर जिले में अनुसूचित जाति व जनजाति व पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को जो छात्रवृत्ति के चैक दिए जाते हैं उनका तय समायवधि के अंदर क्लियरेंस नहीं करने वाले बैकों से ब्याज की वसूली की जाएगी।
जिला कलेक्टर हीरालाल त्रिवेदी ने सभी सबंधित बैकों को ऐसे निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही सभी स्कूलों के प्रचार्यों को भी छात्रवृत्ति संबंधी प्रकरणों को स्कूल मे ही तैयार करने के लिए निर्देशित किया गया है।
कलेक्टर ने कहा कि छात्रवृत्ति के प्रकरणों मे पटवारी स्वयं स्कूल जाकर आवेदनों का प्रमाणीकरण करेंगें और फार्म स्वयं ही ले जाकर तहसील से प्रमाणपत्र बनाकर लाएंगें। प्रमाण-पत्र स्कूलों मे ही शिविर लगाकर बांटे जाएंगें।
कलेक्टर ने कहा कि छात्रवृत्ति के प्रकरणों मे पटवारी स्वयं स्कूल जाकर आवेदनों का प्रमाणीकरण करेंगें और फार्म स्वयं ही ले जाकर तहसील से प्रमाणपत्र बनाकर लाएंगें। प्रमाण-पत्र स्कूलों मे ही शिविर लगाकर बांटे जाएंगें।
मैं आपके मगरमच्छ वाले लेख पर कुछ लिखना चाहता था, पर वहां कमेंट नहीं हो पा रहा है, इसलिए यहां लिख रहा हूं।
ReplyDeleteएक समय मगरमच्छ विलुप्ति के कगार पर थे। उनकी वंशवृद्धि का यह समाचार सभी प्रकृति-प्रेमियों के लिए आशा जगानेवाली खबर है। इसका ध्यान रखना होगा कि मगरमच्छ की बढ़ती संख्या के कारण मगरमच्छ और मनुष्य के बीच संघर्ष की स्थिति न पैदा हो जाए, वरना मगरमच्छ का भी वही हाल होगा जो हाथी, बाघ आदि का हो रहा है।