भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के सूखा प्रभावित क्षेत्रों के भ्रमण के लिए कृषि विभाग के संयुक्त सचिव श्री पंकज कुमार की अध्यक्षता में भेजे गए केन्द्रीय दल के तीनो उप दलों में से प्रथम एवं द्वितीय दल के सदस्य आज सागर संभाग के छतरपुर जिले के खजुराहो में वायुयान द्वारा पहुंचे। प्रथम दल के सदस्य पन्ना जिले के लिए रवाना हुए, जहां वे कल 8 सितंबर मंगलवार को स्थल भ्रमण कर वास्तविक स्थिति से रूबरू होंगे।
केन्द्रीय अध्ययन दल का द्वितीय दल भारत सरकार कृषि विभाग के सलाहकार श्री कोल्टकर जो कि इस दल के नोडल अधिकारी है, ने आज छतरपुर जिले के ग्राम खजुआ, अर्टरा, ललपुर आदि क्षेत्रों में जाकर खेतों की स्थितियां और ग्रामों में कुओं एवं हैण्डपंपो में उपलब्ध पानी की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने ग्रामीणों से पेयजल के बारे में, खरीफ फसलों की विगत वर्ष के उत्पादन एवं इस वर्ष की संभावित स्थिति की तुलनात्मक जानकारी भी प्राप्त की।
कृषक महादेव प्रसाद पटेल, रामाधार प्रसाद पटेल आदि ने बताया कि धान की फसल शत प्रतिशत खराब हो चुकी है, जबकि सोयाबीन एवं तिली की 25 प्रतिशत तक उत्पादन होने की संभावना है। केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों द्वारा पूछे गये प्रश्नों के उत्तर में उन्होंने बताया कि तिली के पौधे सामान्यत: 5 से 6 फीट तक लम्बे होते हैं और उसके बाद उनमें फूल आता है जबकि इस वर्ष तिली के पौधे दो से ढाई फीट होने के कारण फूल आ चुके है। इसलिए उत्पादन बहुत कम होगा।
किसानों से यह पूछे जाने पर कि वे रबी में कौन सी फसल बोयेंगे तो उन्होंने बताया कि जब अभी पानी की कमी है तो वे रबी की फसल बो ही नहीं पायेगे क्योंकि जल रहेगा ही नहीं।
केन्द्रीय अध्ययन दल के खजुराहो पहुँचने पर सागर संभाग के कमिश्नर श्री एस.के. वेद, छतरपुर जिला कलेक्टर डा. ई. रमेश कुमार, पन्ना कलेक्टर श्री अजीत कुमार तथा कृषि, जल संसाधन, सहकारिता, पीएचई आदि विभागों के संभागीय अधिकारियों ने संभाग की वस्तुस्थिति से अवगत कराया।
कृषक महादेव प्रसाद पटेल, रामाधार प्रसाद पटेल आदि ने बताया कि धान की फसल शत प्रतिशत खराब हो चुकी है, जबकि सोयाबीन एवं तिली की 25 प्रतिशत तक उत्पादन होने की संभावना है। केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों द्वारा पूछे गये प्रश्नों के उत्तर में उन्होंने बताया कि तिली के पौधे सामान्यत: 5 से 6 फीट तक लम्बे होते हैं और उसके बाद उनमें फूल आता है जबकि इस वर्ष तिली के पौधे दो से ढाई फीट होने के कारण फूल आ चुके है। इसलिए उत्पादन बहुत कम होगा।
किसानों से यह पूछे जाने पर कि वे रबी में कौन सी फसल बोयेंगे तो उन्होंने बताया कि जब अभी पानी की कमी है तो वे रबी की फसल बो ही नहीं पायेगे क्योंकि जल रहेगा ही नहीं।
केन्द्रीय अध्ययन दल के खजुराहो पहुँचने पर सागर संभाग के कमिश्नर श्री एस.के. वेद, छतरपुर जिला कलेक्टर डा. ई. रमेश कुमार, पन्ना कलेक्टर श्री अजीत कुमार तथा कृषि, जल संसाधन, सहकारिता, पीएचई आदि विभागों के संभागीय अधिकारियों ने संभाग की वस्तुस्थिति से अवगत कराया।
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