केन्द्रीय सूखा राहत दल ने आज जिले के ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर सूखे की स्थिति का अध्ययन किया। दल के सदस्यों ने विशेषकर, वर्षा की स्थिति, अवर्षा के कारण फसल में हुआ नुकसान, पेयजल, पशु चारा, रोजगार, स्वास्थ्य आदि की स्थिति का आंकलन किया।
इसके पूर्व सदस्यों ने उच्च विश्रांति भवन मुरार में कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी से जिले में सूखे की स्थिति व इससे निपटने के कारगर उपायों पर विस्तृत चर्चा की।
केन्द्रीय अध्ययन दल में भारत सरकार के उप सलाहकार डॉ. ए के. तिवारी एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के उप निदेशक श्री दीनदयालन हैं। भ्रमण के दौरान इनके साथ जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा सहित कृषि, पी एच ई., चिकित्सा, महिला बाल विकास, जल संसाधन, उद्यानिकी आदि विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।
पेयजल की देखी गुणवत्ता
केन्द्रीय सूखा राहत दल ने जिले के भ्रमण के दौरान पेयजल स्त्रोतों के पानी की गुणवत्ता देखी। इसके लिये उन्होंने जलस्त्रोतों के पानी को पीकर टेस्ट किया। उन्होंने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री को निर्देश दिये कि पेयजल के रासायनिक परीक्षण के पश्चात की लोगों को जल का प्रदाय किया जाये। साथ ही शौचालय आदि जल स्त्रोत से 10 मीटर के दायरे में नहीं बनवाया जाये। इसका विशेष ध्यान रखा जाये।
केन्द्रीय सूखा राहत दल ने आज मुरार विकास खण्ड के ग्राम महाराजपुरा, गिरगांव, लक्ष्मणगढ, बरेठा तथा कछपुरा का भ्रमण किया तथा किसानों से सूखे की स्थिति, फसल की स्थिति, कुओं का जल स्तर, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, निस्तारी जल, पशु चारा, स्वास्थ्य, रोजगार, आंगनवाड़ी तथा स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के संबंध में चर्चा की व स्वयं भी पूरी स्थिति का जायजा लिया।
उन्होंने ग्राम लक्ष्मणगढ़ में बाजरा एवं तिल्ली की फसल देखी। बाजरा में लगभग 50 से 70 प्रतिशत तक एवं तिल्ली की फसल में इससे अधिक नुकसान होना पाया गया। उन्होंने गांव के सरपंच से राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के तहत चल रहे कार्यो व कार्यरत मजदूरों के संबंध में चर्चा की।
सरपंच ने बताया कि गांव के लोग योजना के तहत चल रहे कार्यों पर काम नहीं करना चाहते हैं। अधिकांश ग्रामीण मालनपुंर एवं ग्वालियर मजदूरी के लिये जाते हैं। इस संबंध में दल के सदस्यों ने जिला पंचायत के मुंख्य कार्यपालन अधिकारी को सुझाव दिया कि ऐसी पंचायतें जहां मजदूर नहीं मिलते हैं और योजना की राशि का पूरी तरह उपयोग नहीं हो पाता है।
उन पंचायतों की राशि वापस लेकर अन्य जरूरतमंद पंचायतों को स्थानांतरित कर दी जाये। उन्होंने कहा कि योजनान्तर्गत तालाब निर्माण व गहरीकरण के कार्य कराये जायें, ताकि ग्रामीणों को रोजगार मिलने के साथ ही जल संरचना का निर्माण हो सके।
केन्द्रीय दल नें भ्रमण के दौरान कुओं का अवलोकन किया, जिनमें जल स्तर काफी कम था। साथ ही हैण्डपंप आदि को भी देखा। ग्राम कछपुरा में स्कूल का हैण्डपंप बंद पाये जाने पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री को निर्देश दिये कि बंद हैण्डपंप को तत्काल दुरूस्त कराया जाये।
इसी प्रकार ग्राम बरेठा में आंगनवाड़ी का अवलोकन किया तथा बच्चों की वजन वृद्धि की प्रगति देखी। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने आंगनबाड़ी में बच्चों को दिये जाने वाले पोषण आहार की जानकारी दी। इसी गांव के प्राथमिक विद्यालय में सदस्यों ने बच्चों को मिलने वाले मध्यान्ह भोजन की जानकारी ली।
साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी से डिपो होल्डर एवं जल शुद्धीकरण के लिये किये गये उपायों के बारे में पूछताछ की।
इसके पूर्व सदस्यों ने उच्च विश्रांति भवन मुरार में कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी से जिले में सूखे की स्थिति व इससे निपटने के कारगर उपायों पर विस्तृत चर्चा की।
केन्द्रीय अध्ययन दल में भारत सरकार के उप सलाहकार डॉ. ए के. तिवारी एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के उप निदेशक श्री दीनदयालन हैं। भ्रमण के दौरान इनके साथ जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा सहित कृषि, पी एच ई., चिकित्सा, महिला बाल विकास, जल संसाधन, उद्यानिकी आदि विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।
पेयजल की देखी गुणवत्ता
केन्द्रीय सूखा राहत दल ने जिले के भ्रमण के दौरान पेयजल स्त्रोतों के पानी की गुणवत्ता देखी। इसके लिये उन्होंने जलस्त्रोतों के पानी को पीकर टेस्ट किया। उन्होंने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री को निर्देश दिये कि पेयजल के रासायनिक परीक्षण के पश्चात की लोगों को जल का प्रदाय किया जाये। साथ ही शौचालय आदि जल स्त्रोत से 10 मीटर के दायरे में नहीं बनवाया जाये। इसका विशेष ध्यान रखा जाये।
केन्द्रीय सूखा राहत दल ने आज मुरार विकास खण्ड के ग्राम महाराजपुरा, गिरगांव, लक्ष्मणगढ, बरेठा तथा कछपुरा का भ्रमण किया तथा किसानों से सूखे की स्थिति, फसल की स्थिति, कुओं का जल स्तर, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, निस्तारी जल, पशु चारा, स्वास्थ्य, रोजगार, आंगनवाड़ी तथा स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के संबंध में चर्चा की व स्वयं भी पूरी स्थिति का जायजा लिया।
उन्होंने ग्राम लक्ष्मणगढ़ में बाजरा एवं तिल्ली की फसल देखी। बाजरा में लगभग 50 से 70 प्रतिशत तक एवं तिल्ली की फसल में इससे अधिक नुकसान होना पाया गया। उन्होंने गांव के सरपंच से राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के तहत चल रहे कार्यो व कार्यरत मजदूरों के संबंध में चर्चा की।
सरपंच ने बताया कि गांव के लोग योजना के तहत चल रहे कार्यों पर काम नहीं करना चाहते हैं। अधिकांश ग्रामीण मालनपुंर एवं ग्वालियर मजदूरी के लिये जाते हैं। इस संबंध में दल के सदस्यों ने जिला पंचायत के मुंख्य कार्यपालन अधिकारी को सुझाव दिया कि ऐसी पंचायतें जहां मजदूर नहीं मिलते हैं और योजना की राशि का पूरी तरह उपयोग नहीं हो पाता है।
उन पंचायतों की राशि वापस लेकर अन्य जरूरतमंद पंचायतों को स्थानांतरित कर दी जाये। उन्होंने कहा कि योजनान्तर्गत तालाब निर्माण व गहरीकरण के कार्य कराये जायें, ताकि ग्रामीणों को रोजगार मिलने के साथ ही जल संरचना का निर्माण हो सके।
केन्द्रीय दल नें भ्रमण के दौरान कुओं का अवलोकन किया, जिनमें जल स्तर काफी कम था। साथ ही हैण्डपंप आदि को भी देखा। ग्राम कछपुरा में स्कूल का हैण्डपंप बंद पाये जाने पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री को निर्देश दिये कि बंद हैण्डपंप को तत्काल दुरूस्त कराया जाये।
इसी प्रकार ग्राम बरेठा में आंगनवाड़ी का अवलोकन किया तथा बच्चों की वजन वृद्धि की प्रगति देखी। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने आंगनबाड़ी में बच्चों को दिये जाने वाले पोषण आहार की जानकारी दी। इसी गांव के प्राथमिक विद्यालय में सदस्यों ने बच्चों को मिलने वाले मध्यान्ह भोजन की जानकारी ली।
साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी से डिपो होल्डर एवं जल शुद्धीकरण के लिये किये गये उपायों के बारे में पूछताछ की।
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