केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों ने सतना जिले की नागौद तहसील के अल्पवर्षा से प्रभावित ग्रामों का भ्रमण कर ग्रामीण कृषकों से खरीफ सीजन में बोई गई क्षतिग्रस्त फसलों और आर्थिकोपार्जन के लिये की जा रही गतिविधियों की जानकारी ली।
दल के सदस्यों ने ग्राम भाजीखेरा, आमा एवं पनगरा के भ्रमण में खेतों में बोई गई फसलोें की जानकारी तथा भाजीखेरा के तालाब सहित ग्राम पहाडिया के बांध का अवलोकन करते हुये उपलब्ध जल स्तर की जानकारी ली। केन्द्रीय दल में शामिल एस.के. हलधर निदेशक केन्द्रीय वाटर कमीशन, संजय कुमार राकेश निदेशक केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय, ललित चौहान अवर सचिव केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा जे.के.देव तकनीकी अधिकारी केन्द्रीय पशुपालन एवं मत्स्यपालन के साथ जिला कलेक्टर सुखबीर सिंह, सी.ई.ओ. जिला पंचायत आशीष कुमार, कृषि, जल संसाधन, उद्यानिकी, मत्स्य, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी भी थे।
केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों ने सूखे की स्थिति के आकलन के लिये ग्रामीण क्षेत्रों के कृषको के खेतों में जाकर खरीफ सीजन में बोई गई फसलों की जानकारी ली। ग्राम भाजीखेरा में कृषको से खरीफ सीजन में कौन-कौन सी फसल बोई गई थी। ग्रामीणों ने बताया कि फसलों की बुवाई के बाद पानी नहीं गिरने से फसल सूखकर क्षतिग्रस्त हो गई।
दल के सदस्यों ने ग्राम स्थित तालाब का निरीक्षण कर तालाब के वर्तमान जलस्तर और पर्याप्त वर्षा होने पर तालाब में कितना फिट पानी रहता है के संबंध में जानकारी ली। इसी प्रकार ग्राम पहाडिया स्थित सिंचाई विभाग के बांध का निरीक्षण में जलस्तर और मत्स्यपालन की जानकारी ली गई। दल की जानकारी में सरपंच एवं ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि जहां पहले मत्स्य कृषकों द्वारा करीब 250 क्विंटल मत्स्य उत्पादन किया जाता था। वहां अब अधिकतम 15 क्विंटल मत्स्य उत्पादन हो रहा है।
केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों ने ग्रामीण क्षेत्रों के भ्रमण में अल्पवर्षा के चलते खराब हुई खरीफ फसल के कृषकों एवं ग्रामीणजनों से बी.पी.एल. परिवारों को शासकीय उचित मूल्य दूकानों से किस दर से कितना खाद्यान्न प्रतिमाह मिल रहा है के संबंध में जानकारी ली।
केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों ने ग्रामीणों से चर्चा करते हुये वर्षा नहीं होने से खराब हुई खरीफ फसल की जानकारी लेने के उपरांत परिवार के भरण-पोषण के लिये वे आर्थिक उर्पाजन के लिये कौन-कौन सी गतिविधियां कर रहे हैं, जरूरतमंद लोगों को ग्राम पंचायत स्तर पर राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में मिले रोजगार की जानकारी भी ली।
उन्होंने ग्रामीणों से बच्चों को प्रतिदिन के खाद्यान्न में कौन-कौन से आहार खिलाते हैं के संबंध में जानकारी ली। अध्ययन दल द्वारा सरपंचों से ऐसे छोटे कृषक जिनके पास 2-3 हेक्टेयर भूमि है और जो जाबकार्ड धारी हैं जिनकी खरीफ की फसल अल्पवर्षा के चलते क्षतिग्रस्त हुई हैं उन्हें किस आधार पर राष्ट्रीय रोजगार गारंटी मे कार्य उपलब्ध कराया जाता है के संबंध में जानकारी ली। दल के सदस्यों ने सरपंचों को निर्देश दिये कि जॉबकार्ड धारी व्यक्तियों को ग्राम स्तर पर स्वरोजगार मूलक कार्य जरूरत के अनुरूप मुहैया कराने और ग्राम मे पक्के निर्माण के बदले श्रमिक मूलक कार्य कराने के निर्देश दिये।
केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों ने कृषकों एवं ग्रामीणजनों से शालाओं में वितरित हो रहे मध्यान्ह भोजन योजना की जानकारी ली। उन्होंने ग्रामीणों से ऐसे परिवार जिनके बच्चे शाला जाते हैं उन बच्चाें को प्रतिदिन मिल रहे मध्यान्ह भोजन की जानकारी ली। दल के सदस्यों ने हाईस्कूल भाजीखेरा का निरीक्षण करते हुये शाला में दर्ज कुल बच्चों में से कितने बच्च्चों को प्रतिदिन मध्यान्ह भोजन का लाभ मिल रहा है।
मध्यान्ह भोजन का संचालन कौन कर रहा है। माह जुलाई एवं अगस्त में शालाओं में छात्र-छात्राओं की संख्या में वृध्दि या कमी हुई है। पिछले दो माह में मध्यान्ह भोजन के लिये कितनी मात्रा में खाद्यान्न सामग्री का उपयोग हुआ है। प्रत्येक छात्र को मध्यान्ह भोजन के रूप में कितनी मात्रा में खाद्यान्न दिया जाता है, यह सब जानकारी प्राप्त की।
अध्ययन दल के सदस्यों ने ग्राम पनगरा के भ्रमण में बीते तीन महीनों में पशुओं मे हुई बीमारियों की जानकारी लेते हुये किये गये टीकाकरण तथा चिकित्सकों द्वारा किये गये उपचार की जानकारी ली। ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि बीते तीन-चार सालों से अल्पवर्षा होने से ग्राम में पीने के पानी का संकट ग्रीष्मकाल में बढ़ जाता है तब बमुश्किल पशुओं को हैण्डपम्प से पानी पिलाते हैं। क्षेत्र में जल स्तर नीचे जाने से 40 फिट तक भी कुये में पानी उपलब्ध नहीं होता है। दल के सदस्यों ने पनगरा ग्राम पंचायत के ग्रामीणों से गत वर्ष पड़े सूखे की स्थिति में मिले मुआवजे की जानकारी ली।
दल के सदस्यों ने ग्राम भाजीखेरा, आमा एवं पनगरा के भ्रमण में खेतों में बोई गई फसलोें की जानकारी तथा भाजीखेरा के तालाब सहित ग्राम पहाडिया के बांध का अवलोकन करते हुये उपलब्ध जल स्तर की जानकारी ली। केन्द्रीय दल में शामिल एस.के. हलधर निदेशक केन्द्रीय वाटर कमीशन, संजय कुमार राकेश निदेशक केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय, ललित चौहान अवर सचिव केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा जे.के.देव तकनीकी अधिकारी केन्द्रीय पशुपालन एवं मत्स्यपालन के साथ जिला कलेक्टर सुखबीर सिंह, सी.ई.ओ. जिला पंचायत आशीष कुमार, कृषि, जल संसाधन, उद्यानिकी, मत्स्य, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी भी थे।
केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों ने सूखे की स्थिति के आकलन के लिये ग्रामीण क्षेत्रों के कृषको के खेतों में जाकर खरीफ सीजन में बोई गई फसलों की जानकारी ली। ग्राम भाजीखेरा में कृषको से खरीफ सीजन में कौन-कौन सी फसल बोई गई थी। ग्रामीणों ने बताया कि फसलों की बुवाई के बाद पानी नहीं गिरने से फसल सूखकर क्षतिग्रस्त हो गई।
दल के सदस्यों ने ग्राम स्थित तालाब का निरीक्षण कर तालाब के वर्तमान जलस्तर और पर्याप्त वर्षा होने पर तालाब में कितना फिट पानी रहता है के संबंध में जानकारी ली। इसी प्रकार ग्राम पहाडिया स्थित सिंचाई विभाग के बांध का निरीक्षण में जलस्तर और मत्स्यपालन की जानकारी ली गई। दल की जानकारी में सरपंच एवं ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि जहां पहले मत्स्य कृषकों द्वारा करीब 250 क्विंटल मत्स्य उत्पादन किया जाता था। वहां अब अधिकतम 15 क्विंटल मत्स्य उत्पादन हो रहा है।
केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों ने ग्रामीण क्षेत्रों के भ्रमण में अल्पवर्षा के चलते खराब हुई खरीफ फसल के कृषकों एवं ग्रामीणजनों से बी.पी.एल. परिवारों को शासकीय उचित मूल्य दूकानों से किस दर से कितना खाद्यान्न प्रतिमाह मिल रहा है के संबंध में जानकारी ली।
केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों ने ग्रामीणों से चर्चा करते हुये वर्षा नहीं होने से खराब हुई खरीफ फसल की जानकारी लेने के उपरांत परिवार के भरण-पोषण के लिये वे आर्थिक उर्पाजन के लिये कौन-कौन सी गतिविधियां कर रहे हैं, जरूरतमंद लोगों को ग्राम पंचायत स्तर पर राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में मिले रोजगार की जानकारी भी ली।
उन्होंने ग्रामीणों से बच्चों को प्रतिदिन के खाद्यान्न में कौन-कौन से आहार खिलाते हैं के संबंध में जानकारी ली। अध्ययन दल द्वारा सरपंचों से ऐसे छोटे कृषक जिनके पास 2-3 हेक्टेयर भूमि है और जो जाबकार्ड धारी हैं जिनकी खरीफ की फसल अल्पवर्षा के चलते क्षतिग्रस्त हुई हैं उन्हें किस आधार पर राष्ट्रीय रोजगार गारंटी मे कार्य उपलब्ध कराया जाता है के संबंध में जानकारी ली। दल के सदस्यों ने सरपंचों को निर्देश दिये कि जॉबकार्ड धारी व्यक्तियों को ग्राम स्तर पर स्वरोजगार मूलक कार्य जरूरत के अनुरूप मुहैया कराने और ग्राम मे पक्के निर्माण के बदले श्रमिक मूलक कार्य कराने के निर्देश दिये।
केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों ने कृषकों एवं ग्रामीणजनों से शालाओं में वितरित हो रहे मध्यान्ह भोजन योजना की जानकारी ली। उन्होंने ग्रामीणों से ऐसे परिवार जिनके बच्चे शाला जाते हैं उन बच्चाें को प्रतिदिन मिल रहे मध्यान्ह भोजन की जानकारी ली। दल के सदस्यों ने हाईस्कूल भाजीखेरा का निरीक्षण करते हुये शाला में दर्ज कुल बच्चों में से कितने बच्च्चों को प्रतिदिन मध्यान्ह भोजन का लाभ मिल रहा है।
मध्यान्ह भोजन का संचालन कौन कर रहा है। माह जुलाई एवं अगस्त में शालाओं में छात्र-छात्राओं की संख्या में वृध्दि या कमी हुई है। पिछले दो माह में मध्यान्ह भोजन के लिये कितनी मात्रा में खाद्यान्न सामग्री का उपयोग हुआ है। प्रत्येक छात्र को मध्यान्ह भोजन के रूप में कितनी मात्रा में खाद्यान्न दिया जाता है, यह सब जानकारी प्राप्त की।
अध्ययन दल के सदस्यों ने ग्राम पनगरा के भ्रमण में बीते तीन महीनों में पशुओं मे हुई बीमारियों की जानकारी लेते हुये किये गये टीकाकरण तथा चिकित्सकों द्वारा किये गये उपचार की जानकारी ली। ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि बीते तीन-चार सालों से अल्पवर्षा होने से ग्राम में पीने के पानी का संकट ग्रीष्मकाल में बढ़ जाता है तब बमुश्किल पशुओं को हैण्डपम्प से पानी पिलाते हैं। क्षेत्र में जल स्तर नीचे जाने से 40 फिट तक भी कुये में पानी उपलब्ध नहीं होता है। दल के सदस्यों ने पनगरा ग्राम पंचायत के ग्रामीणों से गत वर्ष पड़े सूखे की स्थिति में मिले मुआवजे की जानकारी ली।
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